2018 तक भारत बनेगा कार्नीयल ब्लाईन्डनेस मुक्त भारत
1 min read2011 की जनगणना के अनुसार भारत में लगभग 5 मीलियन लोग कार्नीयल-ब्लाईन्डनेस से पीड़ित हो चुके हैं Iकार्नीयल ब्लाईन्डनेस के मुख्य कारणों पर यदि गौर किया जाय तो इकसे पीछे चोट ,संक्रमण एवं विटामिन-ए की कमी प्रमुख कारण है I अब तक इसे केवल कीरेटोप्लास्टी से ठीक किया जा सकता है Iवर्ष 2018 तक भारत को कार्नीयल ब्लाईन्डनेस मुक्त बनाने की मुहीम में भारत में काम कर रही ‘सक्षम’ संस्था के साथ अब सहयोगी संस्था के रूप में काम करेगी आयुष दर्पण फाउंडेशनI इस मुहीम में ईंडीया यूके एसोशिएशन के चेयरमेन बाबी ग्रेवाल भी साथ आ गए हैं I बाबी ग्रेवाल एक 80 वर्ष के एनआरआई हैं जिन्होंने हाल ही में कन्याकुमारी से लेकर नई दिल्ली तक की 2600 मील की यात्रा प्रारंभ की है Iबाबी ग्रेवाल पूर्व में भी कैंसर,एड्स रिसर्च के लिए अपनी मुहीम से फंड जुटा चुके हैं Iउनकी इस यात्रा जिसे ‘बाबी वाक् फुल सर्कल ‘ नाम दिया गया है से भारत एवं यूके में लगभग 1.5 मीलियन जीबीपी इकठ्ठा होने की उम्मीद है Iभारत में उनकी इस यात्रा से जो दान प्राप्त होंगे उसे प्रधानमंत्री नेशनल रीलीफ फंड एवं समृद्धि क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल (सक्षम ) के पास जमा किया जाएगा Iसमृद्धि क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल लगातार विकलांगों के उत्थान की दिशा में काम करती आ रही है I समृद्धि क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल (सक्षम ) एवं आयुष दर्पण फाउंडेशन संयुक्त रूप से लोगों को नेत्र दान के लिए प्रेरित करने का काम करेगी Iइसके साथ ही चिकित्सकों को ‘कार्नीयल ट्रांसप्लान्टेशन’ के लिए प्रेरित करना,आईबैंक/आई-कलेक्शन सेंटर के लिए सुविधायें जुटाना ,कोर्नीयल -ब्लाईन्डनेस से पीड़ित रोगीयों की पहचान करना इन सभी विंदुओं पर कार्य कर वर्ष 2018 तक देश को कार्नीयल ब्लाईन्डनेस मुक्त बनाना प्रमुख उद्देश्य होगा Iबाबी ग्रेवाल की इस यात्रा की झलकियों का लगातार प्रसारण लन्दन स्थित सनराईज रेडियो करता आ रहा है Iआयुष दर्पण अपने सभी पाठकों से अनुरोध करता है कि भारत को 2018 तक कार्नीयल ब्लाईन्डनेस मुक्त बनाने में अपना सहयोग प्रदान करें ..लोगों को अधिक से अधिक नेत्रदान के लिए प्ररित करें I
चित्र :बाबी वॉक फुल सर्कल का साभार THE HINDU
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