आयुष दर्पण

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कई प्रॉब्लम्स की अचूक दवा “धतूरा “

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आयुर्वेद के ग्रंथों में अनेक औषधीय गुणों से युक्त वनस्पतियों का वर्णन मिलता है। आज हम आपको एक ऐसे ही औषधीय वनस्पति का परिचय देंगे जिसका नाम धतूरा है ,जिसे आप वीडियो के माध्यम से लाइव देख सकते हैं। यूँ तो ईश्वर को सभी वनस्पतियां प्रिय होती हैं, लेकिन धतूरा इसके औषधीय गुणों के कारण और सरंक्षण के उद्देश्य से शिवजी प्रिय है।
आचार्य चरक ने इसे ‘कनक’और सुश्रुत ने ‘उन्मत्त’ नाम से संबोधित किया है।आयुर्वेद के ग्रथों में इसे विष वर्ग में रखा गया है। रस विद्या के जानकार इसके बीज का इस्तेमाल विभिन्न योगों में करते हैं आइए अब हम आपको बताते हैं इसके कुछ औषधीय प्रयोगों के बारे में…..
-आधा लीटर सरसों के तेल में ढाई सौ ग्राम धतूरे के पत्तों का रस निकालकर तथा इतनी ही मात्रा में पत्तियों का कल्क बनाकर धीमी आंच पर पकाकर जब केवल तेल बच जाय तब बोतल में भरकर रख लें। यह जूएं मिटाने के श्रेष्ठ औषधि है।
-यदि शरीर के किसी भी हिस्से में सूजन हो तो बस धतूरे के पत्तों को हल्का गुनगुना कर सूजन वाले स्थान पर बाँध दें निश्चित लाभ मिलेगा।-इसके फल,मूल ,पत्र,त्वक ,काण्ड अर्थात पंचांग का रस निकालकर। तिल के तेल में पका लें,जब केवल तेल बचे तब इसकी मालिश जोड़ों में करें तथा पत्तों को बांध दें, इससे गठिया के कारण होनेवाले जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
-धतूरा के बीज को अकरकरा और लौंग के साथ मिलाकर छोटी-छोटी गुटिका बना लें। यह सेक्स पॉवर को बढ़ाता है।
-सरसों का तेल 250 मिली ,60 मिलीग्राम गंधक और 500 ग्राम धतूरे के पत्तों का स्वरस इनसबको एक साथ धीमी आंच पर पकाएं। जब तेल बचा रहे तब उसे इक्कठा कर कान में एक या दो बूँद टपका दें। इससे कान दर्द में तुरंत लाभ मिलेगा।
-धतूरे के बीजों के तेल की मालिश पैर के तलवों पर करने से यह उत्तेजक प्रभाव दर्शाता है।
-बीजों की राख को 125 -250 मिलीग्राम की मात्रा में देने पर ज्वर में भी लाभ मिलता है।
– धतूरे के फलों का चूर्ण 2 .5 ग्राम की मात्रा में बनाकर इसमें आधा चम्मच गाय का घी और शहद मिलकर रोजाना चटाने से स्त्रियों को जल्द गर्भधारण करने में भी मदद मिलती है।ये तो रही इसके औषधीय गुणों की बात लेकिन धतूरा जहर है और अधिक मात्रा में सेवन शरीर में रूखापन ला देता है।.मात्रा से अधिक प्रयोग करने पर सिरदर्द ,पागलपन और संज्ञानाश (बेहोशी ) जैसे लक्षण उत्पन्न करता है और मृत्यु का कारण भी बन सकता है। अत: इसका प्रयोग चिकित्सक के निर्देशन में सावधानीपूर्वक करें तो बेहतर होगा।
धतूरे की पहचान सहित और अधिक गुणों को जानने के लिए विडीयो लिंक पर क्लिक करें

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