बेजुबान लगा बोलने है ना मृत्युंजय मंत्र का कमाल
1 min readमंत्र चिकित्सा का रोगों के निवारण में महत्व सदियों से रहा है लेकिन हाल के कुछ चिकित्सको के अनुभव इस बात को बताते हैं कि यदि मंत्र का उच्चारण सही तरीके से किया जाए तो यह बेजुबान के अंदर भी जुबान ला सकता है। महामृत्युंजय मंत्र के जाप से ज्वर आदि का निवारण होने की बात तो सदियों से जानी जाती रही है लेकिन अनुभव इस बात को बताते हैं कि यह कैंसर जैसी व्याधियों में भी मरीज के अंदर सकारात्मक भाव प्रस्तुत करने में मददगार होता है। “महामृत्युंजय मंत्र” का अर्थ यदि समझा जाए तो इसका अर्थ यह है कि है तीनों लोकों के स्वामी आप हमें सुगंधि और पुष्टि देने वाले है हमारी आपसे केवल एक ही कामना है कि जब हम जन्म और मृत्यु के बंधन से मुक्त हो तो उसी प्रकार मुक्त हो जैसे पकी हुई ककड़ी अपने बेल से अलग हो जाती है। मामला रमेश पायलट (परिवर्तित नाम) एक मरीज का है वर्ष 2005 में तलाक हो गया पारिवारिक कलह के कारण तथा अपने व्यवसाय में हुए नुकसान के कारण कई बार आत्महत्या करने का प्रयास भी किया नशे की बुरी लत के कारण मुहं के कैंसर से पीड़ित हो गया और बाद में जबान भी चली गई तभी किस्मत पलटी और महामृत्युंजय मंत्र के जाप सहित स्पीच थेरपी ने कमाल कर दिखाया और इनकी आवाज वापिस आ गई।आज रमेश लोगो को महामृत्युंजय मंत्र के महत्व को प्रचारित कर रहे हैं।