आयुष दर्पण

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दुनिया मे हो रही मौतों के पीछे अब हृदय रोग नही बल्कि कैंसर सबसे बड़ा कारण होने जा रहा है।उच्च आय वाले विकसित देशों जैसे सऊदी अरब,स्वीडन ,कनाडा आदि में 35 से 70 वर्ष के आयु वर्ग में सबसे अधिक मृत्यु का कारण अब भी हृदय रोग है लेकिन धीरे -धीरे मध्य आय वाले सहित उच्च आय वाले दोनों ही वर्गों में कैंसर हृदय रोगों की तरह ही विकराल रूप से अपने पांव पसार रहा है। उच्चतम आय वाले वर्गों में हुई मौतों के मामले में कैंसर हृदय रोगों से होंनेवाली मौतों को पीछे छोड़ चुका है।
क्यूं कैंसर बन रहा है टॉप किलर?
उच्च आय वाले विकसित देशों में निवास करने वाले हृदय रोग से पीड़ित व्यक्तियों द्वारा बेहतर उपचार कर सकने के कारण हृदय रोगों से होंनेवाली मौतों की संख्या में कमी आई है लेकिन कैंसर के मामलों में ऐसा नही हो पाया है।कैंसर अब भी दुनिया भर में हृदय रोगों से होनेवाली मौत के बाद दूसरे नम्बर पर आनेवाली व्याधि है जिससे होंनेवाली मृत्यु का प्रतिशत 26 है।केवल अमेरिका में ही 3 में से 1 ब्यक्ति के कैंसर से पीड़ित होने की संभावना बनी रहती है जबकि प्रत्येक 5 में से 1 व्यक्ति की इस रोग से मृत्यु हो जाती है।
यह बात अब काफी हद तक सत्य है कि यदि हमें कैंसर से होनेवाली मौतों के आंकड़ों को कम करना है तो हमे अपने सोचने का नजरिया बदलना ही होगा। कैंसर के मौजूदा इलाज के तरीके जिसमे कैंसर कोशिकाओं को टारगेट कर मारा जाता है स्थिति को और भी अधिक विकराल बना देता है।अतः कैंसर कोशिकाओं को किलिंग टारगेट बना आसपास के वातावरण को और अधिक दूषित करने की जगह हमे प्राकृतिक तरीकों के बारे में सोचने की जरूरत है।दुनिया भर में 1000 से अधिक ऐसे प्राकृतिक तत्व हैं जिनमे कैंसररोधी गुण पाये गये हैं।ग्रीन मेड इन्फो के पास उपलब्ध डेटा बेस के अनुसार 986 ऐसे तत्व हैं जिनका प्रयोग कैंसर से बचाव सहित चिकित्सा के लिये रणनीति तैयार करने में मददगार सिद्ध है।इन सभी की लिस्ट में सबसे टॉप पर हल्दी में पाया जानेवाला करक्यूमिन आता है जो सामान्य स्टेम कोशिकाओं को छोड़ते हुए सीधे कैंसरस स्टेम कोशिकाओं को टारगेट करता है।इसके बाद इस श्रेणी में दूसरा नाम विटामिन ड़ी का आता है जो सीधे हमें सूर्य की किरणों से प्राप्त होता है।शरीर मे विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा कैंसर की संभावना को कम कर देती है।इसी प्रकार सामान्य भोजन से प्राप्त विटामिन ई भी कैंसर रोधी प्रभाव दर्शाता है।
अतः कैंसर से होनेवाली मौतों को यदि रोकना है तो हमे वर्तमान तरीको से इतर वैकल्पिक तरीको को ढूंढने की दिशा में ही ध्यान केंद्रीत करना होगा।

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