बारिश की फुहार की मस्ती में सेहत के टिप्स
1 min readवर्षा ऋतु धरती पर एक ऐसी ऋतु है जोकि समस्त जीवो विशेषकर मनुष्यों में खुशहाली भर देती है किंतु हमें वर्षा ऋतु में किस प्रकार का आहार विहार रखना है एवं किस प्रकार का आहार विहार नहीं करना है इसकी जानकारी नहीं होती वर्षा ऋतु में थोड़ी सी असावधानी से मलेरिया डायरिया डिसेंट्री ,टाइफाइड, वायरल फीवर चिकनगुनिया पीलिया डेंगू कफ एंड कोल्ड आदि बीमारियां जल्दी से मनुष्य को ग्रसित कर देती हैं, क्योंकि वर्षा ऋतु में मनुष्य का इम्यून सिस्टम कमजोर रहता है आयुर्वेद के अनुसार छह ऋतु हैं जो कि निम्न लिखित है ।शिशिर बसंत ग्रीष्म वर्षा शरद हेमंत इसमें वर्षा ऋतु 6 माह के विसर्ग काल की प्रथम ऋतु है ग्रीष्म ऋतु जोकि आदान काल की अंतिम ऋतु है, ग्रीष्म ऋतु में क्योंकि शरीर से स्निग्ध तथा अन्य रसों की कमी हो जाती है एवं मनुष्य की पाचन शक्ति कम हो जाती है अतः वर्षा ऋतु में विशेष सावधानी रखनी चाहिए ,क्योंकि शरीर में बाह्य एवं अभ्यांतर दुर्बलता रहती है एवं इम्यून सिस्टम कमजोर रहता है अतः हमें वर्षा ऋतु में ऐसे आहार- विहार का सेवन करना चाहिए जो कि शरीर में बल वर्धन करें एवं किसी व्याधि से शरीर को ग्रसित होने से बचाए। वर्षा ऋतु में पूरा वातावरण जलीय अनूप देसी हो जाता है जो की व्याधि कारक होता है
वर्षा ऋतु में क्या करें
-जो भी भोजन पान आदि हम वर्षा ऋतु में करें उसमें शहद का उपयोग अवश्य करें।
– वर्षा ऋतु में नींबू सेंधा नमक काला नमक तथा घृत का विशेष सेवन करें जिससे शरीर में वात प्रकोप ना हो।-
जो अन्न हम प्रयोग कर रहे हैं वह पुराना हो जैसे पुराना यव पुराना चावल गेहूं आदि।
– पानी उबालकर एवं ठंडा किया हुआ पिए
– हरी सब्जियों एवं फलों का सेवन साफ सफाई से करें ।अपने घर के आस-पास साफ सफाई रखें ।—-साफ पानी का भरपूर मात्रा में प्रयोग करें हो सके तो 2 लीटर पानी में 1 ग्राम सोंठ खस को पकाकर छानकर रख लें और वही पानी दिनभर पिए।
-मच्छरों से बचाव का उपाय करें पॉइंट 9 अपने साथ हमेशा रेनकोट एवं छाते को लेकर चले जिससे बारिश में भीगने से बचा जा सके।
– पैरों में जूते के बजाय सैंडल को पहने।
वर्षा ऋतु में हमें क्या नहीं करना चाहिए
-सत्तू आदि का सेवन जो हम ग्रीष्म में करते थे वह नहीं करना है ।
-दिन में सोने से बचें।
– रात्रि में बाहर सोना से बचें।
-नदी एवं तालाब का जल सेवन नही करें।
-धूप सेवन एवं मैथुन वर्जित हैं ।
-बाहर के खाने से परहेज रखें।
-कच्चा सलाद एवं सब्जियां ना खाएं।
– फ्रिज का ठंडा पानी ना पिए उससे खांसी सांस की बीमारी एवं गले के रोग हो सकते हैं।
-अत्यधिक मसालेदार एवं चटपटी चीजों का सेवन ना करें।
इन उपायों के द्वारा आप वर्षा ऋतु में उत्पन्न होने वाली बीमारियों से बच सकते हैं एवं इन उपायों को अन्य लोगों को भी बता कर आप वर्षा ऋतु में होने वाली बीमारियों से बचा सकते हैं
उपरोक्त लेख डॉ प्रियरंजन तिवारी द्वारा आयुष दर्पण के पाठकों के लिये लिखा गया है ।डॉ प्रियरंजन तिवारी ,वरिष्ठ चिकित्सक हैं जो गुरुकुल कांगड़ी आयु महाविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर सेवाएं दे रहे हैं।
बहुत ही अच्छा लेख है. धन्यवाद…….