आयुर्वेद अपनाएं निरोगी जीवन पायें।

आयुर्वेद जिसे 5000 साल से भी पुरानी वैदिक चिकित्सा पद्धति के रूप में जाना जाता रहा आज आम और खास दोनो के ही बीच यह पद्धति लोकप्रिय होती जा रही है।चाहे जीवन को जीने की कला हो या फिर ऋतुओं के अनुसार किया जाने वाला खानपान सभी मे फिटनेस एक्सपर्ट आज आयुर्वेद के सिद्धांतों को ही अपना रहे हैं।आयुर्वेद में सर्दीयों के मौसम से लेकर गर्मी और वसंत ऋतु में खाने और न खाने वाले आहार,पथ्य और अपथ्य की कल्पना की गई है।आजकल सर्दीयों का मौसम चल रहा है तथा पहाडियां भी बर्फ से ढकी है ऐसे में आयुर्वेद दिन में सोने तथा गर्म तासीर के भोजन को लेने की सलाह देता है।आयुर्वेद में इस मौसम में व्यक्ति का अग्नि बल मजबूत होने की बात की गई है और कहा गया है कि व्यक्ति यदि मात्रा से थोड़ा अधिक भी भोजन कर ले तो शरीर के अंदर स्थित अग्नि इसको शीघ्र पचा लेती है।
आयुर्वेद सर्दीयों में व्यायाम करने को उत्तम मानता है तथा आधुनिक विज्ञान भी सर्दीयों में लिये गये मात्रा से अधिक कैलोरीयुक्त भोजन को पचाने के लिये फिजीकली एक्टिव रहने की सलाह देता है।
कैसे आयुर्वेद है फास्ट एक्टिंग?
अक्सर लोगों के मन मे यह विचार आता है कि अरे आयुर्वेद है धीमी गति से काम करेगा लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो आयुर्वेद की ऐसी कई विद्याएं जिन्हें अग्निकर्म और मर्म विद्या के नाम से जाना जाता है दर्द से फौरी राहत देने में दर्द निवारक दवाओं का बेहतरीन विकल्प हो सकती हैं।
बायोक्लिंजिंग मेकेनिज्म पर कार्य करता है आयुर्वेद का पंचकर्म
आयुर्वेद में इलाज के दो तरीक़े सुझाये गए है एक को दवा देकर दबा देने के कारण शोधन के नाम से जाना जाता है जबकि इसके उलट शरीर की शुद्धि क्रिया का नाम ही पंचकर्म है।जिस प्रकार गाड़ी की समय समय सर्विसिंग गाड़ी को सुचारू रूप से चलाती है ठीक उसी प्रकार आयुर्वेद में शोधन के अंतर्गत आनेवाली पंचकर्म बायोक्लिंजिंग कर शरीर को स्वस्थ रखती है।
आयुर्वेद में उपवास को भी बेहतर उपाय माना गया है
आज फास्टिंग को शरीर की दूषित कोशिकाओं को आटोफेगी मेकेनिज़्म द्वारा रिपेयर करने वाला विज्ञान माना जाता है लेकिन आप यह जानकर आश्चर्य करेंगे कि आयुर्वेद में लंघन यानि शरीर मे हल्कापन लाने वाले उपक्रम के तहत सदियो पूर्व लंघन कहा गया था, जिसे किसी न किसी दिन विशेष से जोड़ धार्मिक आस्था का स्वरूप दिया गया ताकि लोग अपनी नियमित दिनचर्या के साथ भी स्वास्थ्य को बरकार रख सकें।
अतः यदि आप निरोगी जीवन पाना चाहते हैं तो आयुर्वेद से बेहतर कोई अन्य विकल्प नही है।