आयुष दर्पण

स्वास्थ्य पत्रिका ayushdarpan.com

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

प्रकृति ने यदि हमें रोग दिए हैं तो रोगों से बचने के साधन भी दिए हैं। मानव ने जब से इस धरती पर जन्म लिया है तबसे ही रोग दुख के रूप में उसके सामने थे, लेकिन कहते हैं कि रोगों से बचने के उपाय भी प्रकृति ने आसपास ही दे दिये। आज आपको हम एक ऐसे ही पेड़ के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिसे मधुमेह जैसी व्याधि में रक्तगत शर्करा को कम करने के लिए बेहतरीन औषधि माना जाता है। यह वृक्ष
‘विजयसार’ के नाम से जाना जाता है। इसे स्थानीय भाषा मे बीजपत्ता लेटिन में टेरोकार्पस मारसुपियंम तथा अंग्रेजी में मालाबार कीनो या इंडियन कीनो के नाम से भीजाना जाता है।यह मध्य ऊंचाई से लेकर अधिक ऊंचाई लगभग 800 से 1500 मीटर की ऊंचाई में पाया जाता है।आयुर्वेदिक चिकित्सक इस वृक्ष का उपयोग सदियों से रक्तगत शर्करा को नियंत्रित करने में तथा इसकी अनेक गुणों के कारण करते आ रहे हैं ।आइए जानते हैं विजयसार किस प्रकार रक्तगत शर्करा को नियंत्रित करता है। विजयसार के अंदर ऐसे गुण होते हैं, जो हमारे शरीर के अंदर कोलेस्ट्रोल लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन तथा सीरम ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को भी कम कर देते हैं। डायबिटीज के लक्षण जैसे अत्यधिक पेशाब आना, अत्यधिक भूख लगना एवं हाथ पैरों में जलन जैसे लक्षण को भी कम करने में यह विजयसार मददगार होता है ।आयुर्वेदिक विशेषज्ञ विजयसार की लकड़ी से कप गिलास या फिर इसके चूर्ण , टेबलेट या कैप्सूल का उपयोग कर इन्सुलिन की सेंसटिविटी बढ़ाने के साथ ही साथ ग्लूकोज के अवशोषण एवं ग्लूट -4- हीपेटिक ग्लाइकोजन की मात्रा को बढ़ाने में मददगार होता है जो रक्तगत शर्करा को कम करने के लिये उपयोगी होता है, विजयसार भारत में अधिकांश रूप से पश्चिमी घाट,नेपाल एवं श्रीलंका के जंगलों में पाया जाता है ।यह पाचक अग्नि को बढ़ाने के साथ-साथ शरीर में इंसुलिन की मात्रा को भी बढ़ाता है ।इसे लेना भी आसान होता है छोटे-छोटे टुकड़ों में इसे काटा जा सकता है तथा पानी में डालकर पानी के रंग को लाल रंग में परिवर्तित होते हुए देखा जा सकता है इसी लाल रंग से युक्त पानी को सुबह नाश्ते से पहले लेना अत्यंत ही लाभकारी होता है। *आईये जानते हैं कि विजयसार का प्रयोग मधुमेह के रोगी कैसे करें*?
प्राचीन काल से ही आयुर्वेद के वैद्य मानते रहे हैं कि विजयसार की लकड़ी प्रमेह को नियंत्रित करने में अत्यंत लाभकारी होती है यह शोध द्वारा प्रमाणित सत्य भी है और आज विजयसार की चूर्ण टेबलेट और सप्लीमेंट्स बाजार में रक्तगतशर्करा को नियंत्रित करने के लिए उपलब्ध है। आप एक छोटे से विजयसार की लकड़ी के टुकड़े को रात भर पानी में छोड़ दें और सुबह खाली पेट इसी पानी को पियेँ यह आपकी रक्तगत शर्करा,कोलेस्ट्रॉल एवं ट्राईग्लीस्रायड को नियंत्रित करने में मददगार होता है।इसके अलावा विजयसार की लकडी दांत दर्द ,मूत्रनली संक्रमण,बुखार आदि को नियंत्रित करने में भी काम आती है । दर्दउत्तराखंड में विजयसार की लकड़ी के ढोल का इस्तेमाल पारंपरिक शादी विवाह,देवताओं के जागर और समस्त मांगलिक कार्यों में किया जाता है ।
नोट:विजयसार के यह औषधीय प्रयोग केवल चिकित्सकीय ज्ञानके लिये प्रकाशित हैं किसी भी दशा में इसका स्वप्रयोग करना नुकसानदायक हो सकता है।*

Facebooktwitterrssyoutube
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

1 thought on “जानें पेड़ की लकड़ी कर देती है शुगर कंट्रोल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © 2019 AyushDarpan.Com | All rights reserved.