कमाल की रिसर्च:पौधों में उत्पन्न किया गया आघातजन्य तनाव उनमे एंटीआक्सीडेंट के स्तर को बढ़ा देता है।

यूँ तो तनाव हर जीवित प्राणी के लिये नुकसानदायक ही होता है।लेकिन एक कमाल की बात यह देखने मे आई है कि फलों एवं सब्जियों में तेज आंधी,तुफान या फिर कीड़े मकोड़ों द्वारा पहुंचाया गया आघातजन्य नुकसान एक तनाव का स्वरूप ही लेता है लेकिन यह तनाव पौधों विशेषकर फलों एवं सब्जियों के अंदर मनुष्य के लिये उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करने वाले गुणों को बढ़ा देता है।ऐसा पाया गया है कि सभी पौधे वातावरण के प्रति संवेदनशील होते हैं उनकी यह संवेदना उनके अंदर हमारी ही तरह सक्रिय डिफेंस मेकेनिज्म के कारण होती है जो कि अनुकूलन (एडेप्टेशन) की ही एक प्रोसेस होती है।वैज्ञानिकों की माने तो प्राइमरी मेटाबोलिज्म के सक्रिय होने के कारण भी कार्बन के सोर्स एक स्थान से दूसरे स्थान के गमन करते हैं जिससे एंटीऑक्सीडेंट्स कंपाउंड्स का निर्माण बढ़ जाता है।यह भी देखा गया है फलों एवं सब्जियों के खेतों में मौजूद कीड़ों के द्वारा भी इनमें एक तनाव उत्पन्न होता है जिससे एंटीऑक्सीडेंट कंपाउंड्स की वृद्धि हो जाती है इस हाइपोथीसिस की पुष्टि नहीं हो पाई है।हाल के वर्षों में आर्गेनिक फार्मिंग को अत्यधिक बढ़ावा दिया जा रहा है, यह शोध अध्ययन आर्गेनिक फार्मिंग को और अधिक लाभकारी होगा।