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ओडिशा: ‘संजीवनी हिल्स’ को 2,500 दुर्लभ जड़ी-बूटियों वाला आयुर्वेदिक स्वर्ग बनाने की योजना

ओडिशा सरकार गंधमर्दन पर्वत क्षेत्र को “संजीवनी हिल्स” के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है, जहाँ 2,500 से अधिक दुर्लभ औषधीय पौधे पाए जाते हैं। इस पहल का उद्देश्य आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के संरक्षण, शोध, उत्पादन को बढ़ावा देना और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करना है।
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ओडिशा सरकार राज्य के पश्चिमी भाग में स्थित गंधमर्दन पहाड़ को एक प्रमुख आयुर्वेदिक और हर्बल औषधि केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है। यह पहाड़ लगभग 2,200-2,500 प्रकार की दुर्लभ औषधीय जड़ी-बूटियों का प्राकृतिक भंडार है, जिसे “जीवित फ़ार्मेसी” यानी लाइव फ़ार्मेसी के रूप में पहचान दी जा रही है।

सरकार के दृष्टिकोण के अनुसार इस पहाड़ी क्षेत्र को आयुर्वेदिक स्वर्ग के रूप में विकसित करने से न केवल पारंपरिक आयुर्वेदिक ज्ञान को संरक्षित किया जा सकेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार, आय के स्रोत और वैश्विक स्तर पर भारतीय हर्बल उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता भी बढ़ेगी।

मुख्य बिंदु:  
🔹 गंधमर्दन पहाड़ में 2,500 से अधिक दुर्लभ औषधीय पौधे पाए जाते हैं।
🔹 राज्य योजना के तहत इस भौगोलिक क्षेत्र में व्यापक जड़ी-बूटी की खेती, शोध एवं उत्पादन के लिये आधुनिक अवसंरचना का विकास किया जाएगा।
🔹 यह पहल स्थानीय समुदायों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान और पारंपरिक ज्ञान को वैश्विक बाज़ार से जोड़ने का बड़ा अवसर प्रदान करेगी।
🔹 लक्ष्य है कि ओडिशा को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हर्बल आयुर्वेदिक उत्पादों का एक अग्रणी केंद्र बनाया जाए।

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