
बरसात के मौसम में कई संक्रामक बीमारियां फैलती हैं। यही कारण है कि इस मौसम में आपको अपने खान-पान का खास ध्यान रखना चाहिए। मानसून में हम अक्सर खानपान में लापरवाही बरतते हैं, जबकि इस दौरान हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित होती है। इससे शरीर में संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में इस मौसम में खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
बरसात के मौसम में वातावरण मे आई नमी बैक्टीरिया और सूक्ष्म जीवों के पनपने का कारण बनती है। इनक कारण हमारी पाचन शक्ति कमजोर पड़ जाती है। नुक्सानदायक वैक्टीरिया से मुकाबला करने के लिए इसका मजबूत होना आवश्यक है। यह भी जरूरी है कि शरीर में अच्छे वैक्टीरिया की मात्रा को बढ़या जाए, जिन्हें माइक्रोबायोटा, गट फ्लोरा और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल माइक्रोबायोटा के नाम से जाना जाता है। ये सूक्ष्म जीवाणु हमारे पाचन तंत्र में मित्रवत होते हैं।
वैज्ञानिक शोध मानते हैं कि आंतों में रहने वाले ये सूक्ष्म जीवाणु हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। बरसात की वजह से संक्रमण और एलर्जी की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक फूड का सेवन एक प्राकृतिक रूप से इम्यूनोबूस्टर का काम करता है, जिससे हमारी आंतों में संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
क्या खाएं और क्या नहीं
-बारिश के मौसम में अधिक से अधिक प्राकृतिक भोजन लें। इस मौसम में आप दोपहर के भोजन में एक कटोरी ताजी दही ले सकते हैं, जिससे आपका पाचन अच्छा रहता है।
-एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फलों का अवश्य प्रयोग करें।
-हल्का नाश्ता जैसे इडली, दलिया आदि पाचनतंत्र के लिए बेहतर होता है।
-अधिक मात्रा में फाइबर और सब्जियों को अपनी डाइट का हिस्सा बनाना उचित है।
-केला और मौसमी फल, लहसुन, प्याज भी पाचन के लिए अच्छे हैं।
-प्रोसेस्ड फूड और अधिक शुगर के साथ ही ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन से भी बचें, जिसमें कार्बोहाईड्रेट की मात्रा अधिक है।
-साबुत अनाज में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व, प्रोटीन, फायबर, विटामिन बी, एंटीऑक्सीडेंट्स समेत कई मिनरल्स (आयरन, जिंक, कॉपर, मैग्नीशियम) होते हैं, ऐसे में इनका सेवन अधिक किया जाना चाहिए।
-कुछ स्थानीय खाद्य पदार्थ प्रोबायोटिक के अच्छे स्रोत हैं, जिनमें इडली, डोसा और खमीर युक्त खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिहाज से गुणकारी हैं इनका अवश्य सेवन किया जाना चाहिए।