फ़्लाइट में नाड़ी देखकर रोग पहचान — सिद्ध चिकित्सकों ने हवा में ही मर्म चिकित्सा से महिला को बचाया
नई दिल्ली, 22 नवंबर — दिल्ली से तिरुवनंतपुरम जा रही इंडिगो फ़्लाइट में एक महिला यात्री अचानक बेहोश होकर सीट पर गिर पड़ी। स्थिति की गंभीरता देखते हुए क्रू मेंबर्स ने विमान में मौजूद डॉक्टरों से मदद की अपील की। संयोग से फ़्लाइट में सिद्ध चिकित्सा के दो अनुभवी चिकित्सक — डॉ. के. एलस्वरन और डॉ. एस. गौतम — यात्रा कर रहे थे।
दोनों विशेषज्ञों ने सबसे पहले महिला की नाड़ी परीक्षा (Pulse Diagnosis) की। नाड़ी देखकर उन्होंने तुरंत समझ लिया कि महिला को साँस लेने में कठिनाई और फेफड़ों की कमजोरी के कारण अचानक बेहोशी आई है। रोग की सही पहचान के बाद दोनों चिकित्सकों ने महिला के शरीर के प्रमुख मर्म बिंदुओं पर उपचार (Marma Therapy) शुरू किया।
कुछ ही क्षणों में मरीज की स्थिति स्थिर हुई और महिला को होश आ गया। इस प्राथमिक उपचार से महिला सुरक्षित रही और विमान बिना देरी अपने गंतव्य की ओर बढ़ पाया।
उपचार के बाद महिला के परिवारजनों ने बताया कि वह फेफड़ों की समस्या के लिए इलाज ले रही थीं। इस घटना ने एक बार फिर सिद्ध चिकित्सा की सूक्ष्म नाड़ी पहचान और मर्म चिकित्सा की क्षमता को सिद्ध किया है— जहाँ बिना दवा, केवल स्पर्श-आधारित तकनीक से आपातकालीन स्थिति को संभाला गया।
प्रख्यात मर्म एवं नाडी विशेषज्ञ डॉ. नवीन जोशी ने दोनों चिकित्सकों के इस कार्य को सराहा और सुझाव दिया कि नाड़ी विज्ञान और मर्म चिकित्सा को एयर ट्रैवल हेल्थ प्रोटोकॉल में शामिल किया जाए ताकि आपातकालीन स्थितियों में यात्रियों को तत्काल लाभ मिल सके।
— आयुष दर्पण डेस्क
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