ब्लाक्ड फेलोपीयन ट्यूब और आयुर्वेद

दुनिया क़ी चालीस प्रतिशत महिलाएं फेलोपीयन टयूब के ब्लाक होने के कारण इन्फ़र्टीलीटी से सफ़र करती हैं I इसे टयूबल फेक्टर इन्फ़र्टीलीटी भी कहा जाता है I इस कारण हर महीने ओवुलेसन के कारण आनेवाला अंडाणु फेलोपीयन टयूब के ब्लाक हो जाने के कारण गर्भाशय में नहीं आ पाता,जिस कारण निषेचित होने का प्रश्न ही नहीं होता ,यही इन्फ़र्टीलीटी का कारण बन जाता है I यदि यह टयूब आंशिक रूप से ब्लाक होती है, तो टयूबल प्रेगनेंसी का ख़तरा बढ़ जाता है ,जिसे एक्टोपिक प्रेगनेंसी कहते हैं Iकभी-कभी एक विशेष प्रकार का ब्लाक भी देखने में आता है ,जिसमें फेलोपीयन टयूब फ्ल्यूड के भर जाने के कारण चौड़ी हो जाती है , जिस कारण अंडाणु,शुक्राणु को निषेचित नहीं कर पाता है ,इस स्थिति को ” हाइड्रोसाल्पिन्क्स “ कहा जाता है I हाँ, यदि एक ओर क़ी फेलोपीयन टयूब ब्लाक हो और दूसरी ठीकठाक हो तो भी प्रेगनेंसी हो सकती है ,पर यह उस ओर क़ी ओवरी क़ी कार्य क्षमता पर निर्भर करता है I
ब्लाक्ड फेलोपीयन टयूब के लक्षणों को कैसे पहचानें?
-मासिक चक्र क़ी अनियमितता इस ओर इशारा करती है I
-हाइड्रोसाल्पिन्क्स क़ी स्थिति में पेट के निचले हिस्से में अक्सर दर्द बना रहता है और योनि से लगातार स्राव बना रहता है I इसके अतिरिक्त कुछ अन्य लक्षण भी होते हैं ,जो अप्रत्यक्ष रूप से इस ओर इशारा करते हैं :- –
पेल्विक इन्फ्लेमट्रीडीजीज -यह फेलोपीयन टयूब के ब्लाक होने का सबसे सामान्य कारण है I
– इंडोमेट्रीयोसिस के कारण मासिक स्राव में वेदना बढ़ जाती हैI -सेक्सुअली ट्रांसमीटेडडीजीज I -मिस्केरेज के कारण हुआ यूटेराइन संक्रमण I
-पूर्व में हुई एक्टोपिक प्रेगनेंसी I
ब्लाक्ड फेलोपीयन टयूब को एक विशेष प्रकार के एक्स-रे हिस्टेरोसाल्पिन्जीयोग्राम से जाना जाता है इसके अलावा अल्ट्रासाउंड भी इसमें सहायक होता है I
आयुर्वेद में इसके कई कामयाब उपचार बताये गयें हैं इनमें से कुछ चुनिन्दा हम आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं :–
* एरंड मूल के चूर्ण को मासिक स्राव से एक दिन पूर्व लगभग ३ से पांच ग्राम क़ी मात्रा में स्रवण नक्षत्र में लक्ष्मणा मूल (श्वेत कंटकारी की जड़ ) क़ी समान मात्रा के साथ गाय के दूध से तीन दिन तक देना हितकारी होता है I
*गोक्षुर चूर्ण -१.५ग्राम,अशोक चूर्ण -१.५ ग्राम,लोध्र चूर्ण-१.५ग्राम एवं शतावरी चूर्ण -१.५ ग्राम क़ी मात्रा में गोदुग्ध के साथ इसके साथ में रजः प्रवर्तीनीवटी को दो दो गोली क़ी मात्रा में देना भी हाइड्रोसाल्पिन्क्स क़ी स्थिति में फायदेमंद होता है I *आयर्वेद क़ी शोधन चिकित्सा के भी चमत्कारिक फायदे देखे गए हैं जो बंद ट्यूब को खोलने में कारगर हैं जिसमें स्नेह्पान,स्वेदन,विरेचन ,कसाय बस्ति,स्नेह बस्ति एवं उतर बस्ति को पंचकर्म चिकित्सक के निर्देशन में ही लिया जाना चाहिए I फेलोपीयन टयूब के ब्लाक को खोलने हेतु योग आसनों के चमत्कारिक प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता इसमें अर्ध्यमत्स्येन्द्रआसन,मंडूकासन,पश्चिमोत्तानासन,ताड़ासन आदि सम्मिलित हैं Iकई शोध इस बात को सिद्ध कर चुके हैं कि योग के आसनों एवं ध्यान का नियमित अभ्यास तथा उचित आहार इस समस्या को दूर कर देता है