आईये जानें क्यूँ महत्वपूर्ण है पलाश का वृक्ष

आपने ढाक के तीन पात नामक कहावत तो सुनी ही होगी,लेकिन आप शायद ही जानते होंगे कि ये तीन पत्ते शिवजी के तीन नेत्र के प्रतीक हैं Iकहा जाता है कि जब कामदेव ने शिव पर फूलों का बाण चलाया था तो कामदेव पलाश के वृक्ष पर ही बैठे हुए थे Iकहा जाता है कि जब शिव का तीसरा नेत्र खुला तो कामदेव भस्म हुए एवं पलाश यानी ढाक भी जलने लगा Iतब पलाश ने शिवजी से विनती की है भगवन आपने हमें क्यूँ जलाया ,हमारा क्या कसूर था !भगवान् शिव को दया आयी और उन्होंने आग से झुलस रहे पलाश के वृक्ष पर स्थित लपटों को फूल बन जाने का वरदान दिया और कहा कि तुम्हारे वृक्ष पर जो पत्ते आयेंगे वे मेरी आँखों के समान होंगे Iआपको हम इसी औषधीय गुणों से युक्त अद्भुत वृक्ष की एक डाक्यूमेंट्री देखा रहे हैं !