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जानें पहाड़ी छोटे सेब ‘घिंघारू’ के बारे में

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हते है कि ईश्वर की बनायी हर रचना का अपना महत्व है और ऐसा ही कुछ हिमालयी क्षेत्र में पायी जानेवाली वनस्पतियों के सन्दर्भ में भी सत्य प्रतीत होता है I इन वनस्पतियों की झाडियों में कुछ ऐसे फल पाए जाते हैं जिन्हें सुन्दरता के साथ-साथ पक्षी भी खाना पसंद करते हैंI

आप सेब के गुणों से तो परिचित ही होंगे लेकिन आज हम आपका परिचय हिमालयी क्षेत्र में पाए जानेवाले छोटे-सेब से कराते हैं ,जी हाँ बिलकुल सेब से मिलते जुलते ही इसके फल 6-8 mm के आकार के होते है I पर्वतीय क्षेत्र में”घिंघारू” के नाम से जाना जाता है ! Rosaceae कुल की इस वनस्पति का  लेटिन  नाम Pyrancatha crenulata   है जिसे “हिमालयन-फायर-थोर्न” के नाम से भी जाना जाता है I इसके छोटे-छोटे फल बड़े ही स्वादिष्ट होते हैं, जिसे आप सुन्दर झाड़ियों में  लगे हुए देख सकते हैं I इसे व्हाईट-थोर्न के नाम से भी जाना जाता है  I यह एक ओरनामेंटल झाड़ीदार  लेकिन बडी  उपयोगी वनस्पति है I आइये इसके कुछ  गुणों से आपका परिचय कराते हैं :-

  • -इसकी पत्तियों से पहाडी हर्बल चाय बनायी जाती है !
  • – इसके फलों को सुखाकर चूर्ण बनाकर दही के साथ खूनी दस्त का उपचार किया जाता है !
  • -इस वनस्पति से प्राप्त मजबूत लकड़ियों का इस्तेमाल लाठी या हॉकी स्टिक बनाने में किया जाता है!
  • -फलों में पर्याप्त मात्रा में शर्करा पायी जाती है जो शरीर को तत्काल ऊर्जा प्रदान करती है !
  • -इस वनस्पति का प्रयोग दातून के रूप में भी किया जाता है जिससे दांत दर्द में भी लाभ मिलता है !
  • -इसके फलों से  निकाले गए जूस में रक्त-वर्धक प्रभाव पाया जाता है जिसका लाभ उच्च हिमालयी क्षेत्रों में काफी आवश्यक माना गया है!
  • -इसे प्रायः ओर्नामेंटल पौधे के रूप में साज -सजा के लिए ‘बोनसाई’ के रूप में प्रयोग करने का प्रचलन रहा है !
  • -इस कुल की अधिकाँश वनस्पतियों के बीजों एवं पत्तों में एक जहरीला द्रव्य’हायड्रोजन-सायनायड’ पाया जाता है जिस कारण इनका स्वाद कडुआ होता है एवं इससमें एक विशेष प्रकार की खुशबू  पायी जाती हैI  अल्प मात्रा में पाए जाने के कारण यह हानिरहित होता है तथा श्वास-प्रश्वास की क्रिया को उद्दीपित करने के साथ ही पाचन क्रिया को भी ठीक करता है I
  • -घिंघारू के बीजों एवं पत्तियों में पाए जानेवाले जहरीले रसायन  “हायड्रोजन सायनायड” के कैंसररोधी प्रभाव भी देखे गए हैं लेकिन अधिक मात्रा में इनका सेवन श्वासावरोध उत्पन्न कर सकता है  

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