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किचन नहीं दर्द निवारक दवाओं का स्टोर बोलिए

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हम अक्सर दर्द से पीड़ित होने पर दर्द निवारक दवाओं की तलाश शुरू कर देते हैं।लेकिन आप इस दर्द से मुक्ति की आसान राह अपनी किचन से ही प्राप्त कर सकते हैं।जी हाँ,हमारी रसोई ही हमारे लिए दर्दनिवारक दवाएं उपलब्ध कराने का एक बेहतरीन विकल्प प्रस्तुत कर सकती है।आईये जानें हमारी रसोई में मौजूद उन पेनकिलर्स के बारे में जो आपको साइड इफेक्ट रहित आराम देते हैं।

मुलेठी:इसे आयुर्वेदिक चिकित्सक यस्टिमधु के नाम से जानते हैं।अपने मीठे स्वाद के कारण यह अनायास ही अपना ध्यान आकर्षित करता है।

कौन से दर्द में है उपयोगी:मुलेठी माउथ अल्सर यानि मुहं में छाले आदि के कारण उत्पन्न वेदना में तत्काल राहत देता है।

प्रयोग विधि:मुलेठी का काढ़ा बना कर कुल्ला कर इसे निगल जाएँ,यह हर प्रकार के गले के दर्द में लाभकारी घरेलु औषधि है।

प्याज:हमारी रसोई का श्रृंगार है प्याज और औषधीय गुणों का खजाना भी!कौन से दर्द में है उपयोगी:कहीं चोट,मोच या खरोंच के कारण सूजन आ जाय तो इसका उपयोग किया जा सकता है।

प्रयोग विधि:प्याज को भूनकर इसका पेस्ट बना लें ,अब सूजन वाली जगह इसकी पुल्टिश को लगाएं आपको दर्द एवं सूजन से फ़ौरन राहत मिलेगी।

अदरक:अदरक का प्रयोग पाचन सम्बंधी विकृतियों में सदियों से होता आया है।सभी प्रकार के श्वसन संस्थान संबंधी विकारो में अदरक एक बेहतरीन विकल्प है जो हमारी रसोई में सर्वसुलभ है।यह दमे,निमोनीया,खांसी एवं जुकाम के लिए पुरातन काल से एक प्रचलित घरेलु औषधि के रूप में जाना जाता रहा है।

कौन से दर्द में है उपयोगी:इसे आप जोड़ों के दर्द,गठिया एवं सूजन की स्थिति को कम करने हेतु प्रयोग में लाया जा सकता है।

प्रयोग विधि:अदरक को सुखा कर पाउडर बना लें तथा इसे शीशम बीज के साथ सीधे प्रभावित जोड़ पर मलने से आराम मिलता है।

अजवायन:जब कभी भी पेट में ऐंठन युक्त दर्द उत्पन्न हो अजवायन आपके लिए एक विश्वसनीय विकल्प है।

कौन से दर्द में है उपयोगी:यह अजीर्ण अत्यधिक गैस बनने,पेट फूलने जैसी स्थितियों में तात्कालिक आराम देता है।

प्रयोग विधि:आधा चम्मच अजवायन एवं एक चुटकी काला नमक गुनगुने पानी के साथ प्रयोग करें। इसकी ग्राह्य मात्रा 3 ग्राम तक है।

घृतकुमारी:आप सभी इससे परिचित होंगे।यह घाव,दर्द,सूजन एवं अनेक त्वचा रोगों की चिकित्सा के लिए एक सुरक्षित विकल्प है।

कौन से दर्द में है उपयोगी: एलोवेरा यानि घृतकुमारी सामान्य दर्द एवं सूजन में काम करता है।

प्रयोग विधि:घृतकुमारी को यवकूट कर लें और इसकी लुगदी को हल्दी के पाउडर के साथ मिक्स कर लें।इसे धीमी आंच पर पकाएं और दर्द एवं सूजनयुक्त स्थान पर लगाएं,आपको तत्काल लाभ मिलेगा।

हींग:यह एक बेहतरीन उत्तेजक,एक्सपेक्टोरेन्ट (बलगम बाहर निकालने वाली)एवं कार्मिनेटिव ( भूख बढ़ानेवाली) औषधि है।इसे बेहतरीन दर्द निवारक घरेलु औषधि के रूप में सदियों से जाना जाता रहा है।

कौन से दर्द में है उपयोगी:इसे अत्यधिक वायु विकार के कारण उत्पन्न उदरशूल में सुरक्षित विकल्प के तौर पर प्रयोग में लाया जा सकता है ।यह नवजात शिशुओं एवं बच्चों के लिए भी उचित विकल्प है।

प्रयोग विधि:हींग को पानी के साथ मिलाकर पेष्ट बना लें,अब इसे पेट दर्द या गैस से परेशान नवजात शिशु की नाभी के आसपास थोड़ी मात्रा में लगाएं,इससे फ़ौरन आराम मिलता है।

काली मिर्च:काली मिर्च भी हमारी रसोई में सर्वसुलभ उपलब्ध है।यह पाचक अग्नि को दीप्त करनेवाले गुणों से युक्त औषधि है।यह कृमिहर एवं प्राकृतिक दर्द निवारक औषधि का अनूठा उदाहरण है।

कौन से दर्द में है उपयोगी:इसे दांत दर्द एवं मसूडे की सूजन जैसी स्थितियों में प्रयोग में लाया जा सकता है।

प्रयोग विधि:काली मिर्च का पाउडर बनाकर इसे प्रभावित दांत या मसूडे पर हळके मसाज के साथ लगाएं निश्चित रूप से लाभ मिलता है।

कपूर:सूजन एवं दर्द को प्राकृतिक रूप से कम करने में इससे बेहतरीन विकल्प नहीं है।

कौन से दर्द में है उपयोगी:यह घाव एवं चोट के कारण जख्मी स्थान पर दर्द निवारक औषधि का काम करता है।

प्रयोग विधि:चोटिल स्थान पर आप थोड़ा कपूर का पाउडर छिड़क दें।इससे रक्तस्राव,सूजन एवं दर्द से फ़ौरन आराम मिलता है।।

लौंग:यह पम्परागत रूप से प्रयोग में आनेवाली ए बेहतरीन घरेलू औषधि है।इसका

उपयोग पीड़ा को दूर करने में सदियों से होता आया है।यह हमारी रसोई की शान है।

कौन से दर्द में है उपयोगी:इसे दांतों के दर्द के लिए उपयोगी औषधि के रूप में जाना जाता है।

प्रयोग विधि:दांत दर्द में आप लौंग को दांतों के बीच में दबा लें।या लौंग के तेल में भिगोये हुए रुई के फाहे को दांत के पास रखें।यह जीवाणुरोधी प्रभाव के साथ-साथ दर्द निवारक प्रभाव दर्शाता है।

सरसों:सरसों के तैल को भी हमारी रसोई में मौजूद एक बेहतरीन औषधि के रूप में जाना जाता है।यह शरीर को मजबूत एवं उष्ण रखने में मददगार होता है।

कौन से दर्द में है उपयोगी:सरसों के तैल का प्रयोग स्थानीय प्रभावित जोड़ों में किया जाता है।

प्रयोग विधि:इसे स्थानीय रूप से अभ्यग यानि मालिश करने हेतु उपयोग में लाया जाता है।यह मांशपेशियों की जकड़न को दूर करने में उपयोगी औषधि है।

नारियल:नारियल भी एक रसोई सर्वसुलभ उपयोगी औषधि है जो शरीर में अत्यधिक उष्मा से उत्पन्न स्थितियों में लाभ देती है।कौन से दर्द में है उपयोगी: इसे उदरशूल एवं दाह के लिए उपयोगी औषधि मआना गया है।

प्रयोग विधि:नारियल पानी दर्द एवं उष्णता से फ़ौरन राहत देता है।बस आप नारियल पानी को धीरे-धीरे प्रत्येक घंटे के अंतराल पर लें।

नोट :उपरोक्त जानकारियां हमारी रसोई मे मौजूद साधारण सी लगनेवाली परंतु उपयोगी औषधियों के बारे में सामान्य जानकारी प्रस्तुत करने के उद्देश्य से जनहित में प्रकाशित की गयी है।

 

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