लंबी आयु जीने के लिये कम खाएं!

लंबी आयु जीने के लिये कम खाएं
महर्षि चरक ने निदान स्थान अध्याय 6 के 11 वें श्लोक में कहा है
हिताशि स्यनमिताशीस्यात कालभोजी जितेन्द्रियः।
पश्याम रोगान बहुन कष्टान बुद्धिमान विषमाशनात।।
इस सूत्र का अर्थ है कि यदि व्यक्ति अपने शरीर के लिये हितकर, *अल्प* मात्रा में तथा समय पर भोजन करता है तो उसके रोगी होने की संभावना क्षीण हो जाती है।
महर्षि चरक सूत्र स्थान के अध्याय 5 के सूत्र 5 मेंउदधृत करते हैं
मात्राशी स्यात ।आहारमात्रा पुनराग्निबलापेक्षिणी।।
यानि भोजन को कितनी मात्रा में लिया जाय यह आपके अग्नि बल पर निर्भर करता है।यानि जब भी आप भोजन ग्रहण करें तो अपनी अग्नि के बल का अवश्य ही ख्याल करें।
अब आइये एक नई शोध पर चर्चा करते हैं प्रतिस्ठित शोध पत्रिका “सेल’ के इसी वर्ष 27 फरवरी 2020 को प्रकाशित एक शोध पर मेरी निगाह गई तो उक्त शोध पत्रिका में प्रकाशित एक लेख में यह बताया गया है कि यदि आप अपने शरीर मे आई सूजन को कम करना चाहते है यदि आप अपने शरीर पर उम्र के प्रभाव को कम करना चाहते हैं और लंबी आयु जीना चाहते हैं तो कम खाइये!
चीन के वैज्ञानिकों द्वारा चूहों पर किये गए इस शोध में शरीर मे कैलोरी के सेवन पर प्रतिबंध लगाया गया और पाया गया कि कोशिकाओं की कार्यक्षमता सहित उम्र में बढ़ोतरी दर्ज की गई।हालांकि कैलोरी रिस्ट्रिक्शन के कोशिकाओं पर अच्छे प्रभाव को पहले से ही जाना जा चुका है यह पहले से ही पता लगाया जा चुका है कि किस प्रकार कोशिकाएं एक ‘सेलुलर पाथवे’ को फॉलो कर कैलोरी रिस्ट्रिक्शन को अपने फायदे के लिये उपयोग में लाती हैं।
बढ़ती उम्र या फिर समय से पहले शरीर मे बढ़ती उम्र के प्रभाव के कारण कैंसर,डीमेसीया,डायबीटीज एवं मेटाबोलिक सिंड्रोम जैसे कई रोग उत्पन्न हो रहे हैं। इन सभी स्थितियों पर काबू पाने का एक तरीका जो वैज्ञानिकों को नजर आया है वो है कैलोरी रिस्ट्रिक्शन।
कहने का अर्थ यह है कि जिसे महर्षि चरक ने सदियो पूर्व ‘मिताहार’ को शरीर के लिये हितकर माना था उसे उसे आज के वैज्ञानिक कैलोरी रिस्ट्रिक्शन नाम दे शरीर के लिये हितकारी सिद्ध कर रहे हैं।