आयुष दर्पण

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आज पुरी दुनिया स्वास्थ्य संरक्षण के प्रति जागरूक होती जा रही है “हेल्थ एवं वैलनेस” पर पूरी दुनिया का रुझान देखने को आ रहा है ऐसे में आयुर्वेद की चिकित्सा के प्रथम मूल सिद्धांत स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य के संरक्षण का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है, आंकड़ों पर गौर करें तो पूरी दुनिया में चिकित्सा पर आने वाला खर्च एवं बीमा कंपनियों द्वारा किया जा रहा व्यवसाय सबको एक साथ जोड़ कर देखा जाए तो विकसित देशों की बात ना करते हुये केवल जनसंख्य के बढ़ते हुए दवाब के बोझ तले दबे तेजी से विकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों में यह एक भारी खर्च के रूप में नजर आ रहा है ऐसे में स्वास्थ्य संरक्षण की दिशा में किया गया हर उपाय एक बेहतर विकल्प के रूप में सामने आ रहा है जो इन खर्चों में भारी कमी ला सकता है।
क्यों आयुर्वेद है स्वास्थ्य संरक्षण में प्रथम च्वाइस
▪यदि सिम्पली आप दिनचर्या एवं ऋतुचर्या पर अपना ध्यान केंद्रित करें तो सुबह उठने से रात के सोने तक आपको स्वयं की चर्या में आयुर्वेद नजर आएगा।यदि यह चर्या आयुर्वेद अनुसार है तो आप निश्चित स्वस्थ रहेंगे इसके उलट यदि आप इसको नजरन्दाज करेंगे तो यकीन मानीये आपके रोगी होने में अधिक वक्त लगने वाला नही है। 100 फ़ीसदी आपके द्वारा ऋतु के अनुसार किए जाने वाले आहार- विहार पर यह बात फिट बैठती है यदि आप ऋतु के अनुसार वर्णित आहार-विहार का पालन नहीं करेंगे तो भी आपका
रोगों से ग्रसित होना तय समझिये,इसके विपरीत यदि आप ऋतु अनुसार आहार-विहार का पालन करेंगे तो आप हर ऋतु में अपने आपको फिट एवं तरोताजा पाएंगे, निष्कर्ष यह है कि आयुर्वेद अपनाकर आप अपने स्वयं के द्वारा जीवन बीमा की पॉलिसी पर किए जा रहे खर्च को अपने स्वास्थ्य की गारंटी देते हुए बचा सकते हैं साथ ही आप अपने परिवार के स्वास्थ्य को भी इसी परिचर्या के पालन हेतु प्रोत्साहित कर सुस्वास्थ्य को प्राप्त कर सकते हैं ,कहने का अर्थ यह है की आज के समय में रोगों से ग्रसित होने के पीछे मूल कारणों पर गौर किया जाए तो वह जीवन- शैली से संबंधित हमारी ज्यादतियां है जिसमें हमने अपने शरीर को एक टूल के रूप में इस्तेमाल किया है परंतु उसका मेन्टेन्स हम भूल गये।आज का जीवन एक अंधी दौड़ है जहां न तो परिवार के लिए समय है नहीं दोस्तों के लिए और जब हम स्वयं को उस स्थिति में पाते हैं जहां हम यह सोचते है कि शायद हमने अपने जीवन के उन लक्ष्यों को पा लिया जिसे हम चाहते थे तब हम उस स्थिति में ही नहीं होते हैं कि सचमुच जीवन को एंजॉय कर सके ,अतः बेहतर यह है की जीवन शैली को ध्यान में रखते हुए जीवन को सुचारू रूप से बिताने के लिए किए गए उपक्रमों को सदैव ध्यान में रखें।

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1 thought on “बदल दें जीवन जीने का नजरिया

  1. वाह क्या ज्ञान वर्धक लेख है… धन्यवाद

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