“तनाव मुक्त जीवन की कुंजी है गोमुखासन – अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 की उलटी गिनती में आज का आसन”

🌿 आज का आसन – गोमुखासन
🧘♂️ तनाव और जकड़न से मुक्ति का द्वार खोलता गोमुखासन
योग केवल शरीर को स्वस्थ रखने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह मन और आत्मा को भी संतुलन प्रदान करता है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 की तैयारी के अंतर्गत आयुष दर्पण फाउंडेशन हर दिन एक उपयोगी योगासन को आपके सामने ला रहा है। आज का आसन है — गोमुखासन।
🪷 गोमुखासन क्या है?
‘गोमुखासन’ संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – ‘गो’ अर्थात् गाय और ‘मुख’ अर्थात् मुख या चेहरा। जब यह आसन किया जाता है, तो शरीर की आकृति गाय के मुख के समान प्रतीत होती है, इसीलिए इसे गोमुखासन कहा जाता है।
🌟 लाभ जो इसे अद्भुत बनाते हैं:
✅ पीठ, कंधे और हिप्स की जकड़न दूर करता है
✅ रीढ़ को लचीलापन देता है
✅ कंधे और छाती को खोलता है
✅ डायबिटीज व हाइपरटेंशन में लाभकारी
✅ मानसिक तनाव और चिंता को कम करता है
🧘♀️ इसे कैसे करें?
- सुखासन में बैठें और दोनों पैरों को इस प्रकार रखें कि एक घुटना दूसरे के ऊपर हो जाए
- दाहिनी भुजा ऊपर से मोड़ें और पीठ के पीछे लाएँ
- बाएँ हाथ को नीचे से मोड़कर पीठ के पीछे ले जाएँ
- दोनों हाथों की अंगुलियों को पीछे पकड़ें
- पीठ सीधी रखते हुए कुछ समय तक स्थिर रहें, फिर आराम करें
(शुरुआत में किसी कपड़े की मदद से पकड़ने की कोशिश करें)
⚠️ सावधानी:
- कंधे या गर्दन की गंभीर चोट हो तो चिकित्सकीय सलाह लें
- गठिया या हिप्स की समस्या हो तो आसन को टालें या वैकल्पिक अभ्यास अपनाएँ
🌱 निष्कर्ष:
गोमुखासन न केवल शरीर को लचीला बनाता है, बल्कि यह मानसिक शांति और ध्यान की स्थिति को भी प्रोत्साहित करता है। अपने दैनिक जीवन में इस आसन को शामिल करके आप तनावमुक्त और ऊर्जावान जीवन की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।