“मयूरासन: पाचन शक्ति बढ़ाने वाला अद्भुत योगासन | जानिए अभ्यास विधि और लाभ”

🦚 मयूरासन: आत्म-बल और पाचन शक्ति का प्रतीक | अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारी का 7वां दिन
🌿 “योगः कर्मसु कौशलम्” – योग न केवल शरीर की शुद्धि है, बल्कि आत्मा का जागरण भी है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 की तैयारी में आज का आसन है: मयूरासन (Peacock Pose)
🧘♀️ क्या है मयूरासन?
मयूरासन एक शक्तिशाली योग मुद्रा है, जिसमें शरीर को दोनों हाथों पर तौलते हुए, छाती और सिर को ऊपर उठाकर सीधे संतुलित किया जाता है। यह मुद्रा मयूर (Peacock) की आकृति का आभास देती है — इसीलिए इसे मयूरासन कहा जाता है।
🔬 शारीरिक और मानसिक लाभ:
✅ पाचन क्रिया में सुधार: यह मुद्रा अग्नि को प्रज्वलित कर शरीर के विषैले तत्वों को बाहर निकालने में सहायक होती है।
✅ डिटॉक्सिफिकेशन: यकृत, गुर्दे और आंतों की क्रियाशीलता बढ़ती है।
✅ आंतरिक संतुलन: मानसिक स्थिरता और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
✅ बांहों व कंधों की ताकत: यह आसन शरीर के ऊपरी हिस्से को मजबूत करता है।
🧠 अभ्यास विधि:
- जमीन पर वज्रासन में बैठें और हाथों की उंगलियों को पीछे की ओर रखते हुए हथेलियाँ ज़मीन पर टिकाएं।
- धीरे-धीरे शरीर को आगे की ओर झुकाएं, पेट को कोहनियों पर टिकाएं।
- पैरों को पीछे सीधा करके, धीरे-धीरे पूरे शरीर का भार हाथों पर लाएं।
- सिर और छाती को ऊपर उठाकर शरीर को संतुलित रखें।
- कुछ सेकंड या संभव हो उतना देर टिके रहें, फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौटें।
⚠️ सावधानियाँ:
- हाई ब्लड प्रेशर, हर्निया या हृदय रोग वाले व्यक्तियों को यह आसन डॉक्टर की सलाह से करना चाहिए।
- आरंभ में प्रशिक्षक की देखरेख में ही इसका अभ्यास करें।
🌎 थीम 2025: “Yoga for One Earth, One Health”
मयूरासन हमें यह सिखाता है कि आंतरिक विषों को बाहर निकालकर ही हम स्वस्थ शरीर और संतुलित मन की ओर बढ़ सकते हैं। इस आसन को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के सन्देश — “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” — से गहराई से जोड़ा जा सकता है।
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