डायबीटीज की दवा से होगा एल्जाइमर का इलाज

टाइप-2 डायबिटीज के उपचार के लिए विकसित की गई एक नई दवा की दूसरी उपयोगिता भी सामने आई है। नए शोध में पाया गया है कि यह दवा भूलने की बीमारी अल्जाइमर से भी मुकाबला कर सकती है। यह स्मृति में गिरावट को रोक सकती है। 1ब्रिटेन की लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्रिश्चियन होल्शर ने कहा कि मूल रूप से टाइप-2 डायबिटीज के लिए तैयार की गई नई दवा अल्जाइमर तंत्रिका तंत्र संबंधी जैसे रोग के इलाज में भी प्रभावी हो सकती है। यह रोग डिमेंशिया का एक प्रकार है। यह दवा अभी तक सिर्फ चूहों पर आजमाई गई है। इसके परिणाम उत्साहजनक पाए गए हैं। पूर्व के शोध में डायबिटीज के इलाज में काम आने वाली लिराग्लूटाइड जैसी मौजूदा दवाएं अल्जाइमर पीड़ितों में कारगर पाई जा चुकी है। नए शोध में पहली बार टिपल रिसेप्टर दवा का परीक्षण किया गया। यह कई तरीकों से मस्तिष्क को कार्यक्षमता में गिरावट से बचाने में सक्षम प्रभावी गई है। -प्रेट्र1कैल्सियम, विटामिन डी सप्लीमेंट कारगर नहीं: अधिक उम्र के लोगों को आमतौर पर हड्डियों के कमजोर होने या टूटने से बचाने के लिए कैल्सियम और विटामिन डी सप्लीमेंट की सलाह दी जाती है। नए अध्ययन का दावा है कि ये सप्लीमेंट बुजुर्गो को हड्डियों के टूटने से बचाव में कारगर नहीं हो सकते हैं। 1चीन के शोधकर्ताओं के अनुसार, ऑस्टियोपोरोसिस पीड़ितों को ये दोनों सप्लीमेंट खाने की सलाह दी जाती है। इस रोग के चलते हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन ये सप्लीमेंट उतने फायदेमंद नहीं हो पाते हैं। पूर्व अध्ययनों से सप्लीमेंट और हड्डियों के टूटने के खतरे के बीच मिला-जुला निष्कर्ष सामने आया था। लेकिन नए अध्ययन से स्थिति साफ हो गई है। यह निष्कर्ष चीन में 50 साल से अधिक उम्र वाले 51,145 लोगों पर किए गए अध्ययन के आधार पर निकाला गया है। -प्रेटट्राइप-2 डायबिटीज के उपचार के लिए विकसित की गई एक नई दवा की दूसरी उपयोगिता भी सामने आई है। नए शोध में पाया गया है कि यह दवा भूलने की बीमारी अल्जाइमर से भी मुकाबला कर सकती है। यह स्मृति में गिरावट को रोक सकती है। 1ब्रिटेन की लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्रिश्चियन होल्शर ने कहा कि मूल रूप से टाइप-2 डायबिटीज के लिए तैयार की गई नई दवा अल्जाइमर तंत्रिका तंत्र संबंधी जैसे रोग के इलाज में भी प्रभावी हो सकती है। यह रोग डिमेंशिया का एक प्रकार है। यह दवा अभी तक सिर्फ चूहों पर आजमाई गई है। इसके परिणाम उत्साहजनक पाए गए हैं। पूर्व के शोध में डायबिटीज के इलाज में काम आने वाली लिराग्लूटाइड जैसी मौजूदा दवाएं अल्जाइमर पीड़ितों में कारगर पाई जा चुकी है। नए शोध में पहली बार टिपल रिसेप्टर दवा का परीक्षण किया गया। यह कई तरीकों से मस्तिष्क को कार्यक्षमता में गिरावट से बचाने में सक्षम प्रभावी गई है। -प्रेट्र1कैल्सियम, विटामिन डी सप्लीमेंट कारगर नहीं: अधिक उम्र के लोगों को आमतौर पर हड्डियों के कमजोर होने या टूटने से बचाने के लिए कैल्सियम और विटामिन डी सप्लीमेंट की सलाह दी जाती है। नए अध्ययन का दावा है कि ये सप्लीमेंट बुजुर्गो को हड्डियों के टूटने से बचाव में कारगर नहीं हो सकते हैं। 1चीन के शोधकर्ताओं के अनुसार, ऑस्टियोपोरोसिस पीड़ितों को ये दोनों सप्लीमेंट खाने की सलाह दी जाती है। इस रोग के चलते हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन ये सप्लीमेंट उतने फायदेमंद नहीं हो पाते हैं। पूर्व अध्ययनों से सप्लीमेंट और हड्डियों के टूटने के खतरे के बीच मिला-जुला निष्कर्ष सामने आया था। लेकिन नए अध्ययन से स्थिति साफ हो गई है। यह निष्कर्ष चीन में 50 साल से अधिक उम्र वाले 51,145 लोगों पर किए गए अध्ययन के आधार पर निकाला गया है।