आयुष दर्पण

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सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसमें गर्भाशय में कोशिकाओं की अनियमित वृद्धि होने लगती है। कैंसर के आखिरी चरण में इलाज के लिए रेडिएशन थेरेपी का प्रयोग किया जाता है। इलाज के दौरान स्वस्थ कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचता है। अब नए शोध में पता चला है कि ब्लूबेरी फल के प्रयोग से स्वस्थ कोशिकाएं तो सुरक्षित रहती ही हैं, साथ ही कैंसर वाली कोशिकाएं भी रेडियोथेरेपी के प्रति अधिक प्रतिक्रिया देती हैं। अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ मिसौरी के वैज्ञानिकों ने पाया कि ब्लूबेरी का रस रेडियो सेंसिटाइजर की तरह काम करता है। यह ऐसा रसायन है जो रेडियोथेरेपी के असर को बढ़ाता है। इससे इलाज के सफल होने की संभावना बढ़ जाती है। पैथोलॉजी एंड ऑन्कोलॉजी पत्रिका में छपे शोध के लिए वैज्ञानिकों ने सर्वाइकल कैंसर सेल लाइंस का प्रयोग किया। जिन सेल ग्रुप के इलाज के लिए रेडिएशन थेरेपी के साथ ब्लूबेरी का प्रयोग हुआ था, उनकी कैंसर कोशिकाओं में 70 फीसद की गिरावट आई। शोधकर्ता युजियांग फैंग का कहना है कि ब्लूबेरी में रिजर्वेट्रॉल के साथ ही फ्लेवोनॉयड्स भी पाया जाता है। साथ ही एंटीऑक्सीडेंट के साथ एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। यह फल दुनियाभर में आसानी से उपलब्ध है। इसलिए रेडियोथेरेपी जैसे उपचार का असर बढ़ाने के लिए इसका प्रयोग किया जाना चाहिए। -प्रेट्र1कम सोने से बढ़ता है अल्जाइमर का खतरा: रात को ठीक से नींद ना आना आपकी स्मरण क्षमता को प्रभावित कर सकता है। रात को जगने से मस्तिष्क एमिलॉइड बीटा नामक अल्जाइमर बढ़ाने वाला प्रोटीन पैदा करता है। इस प्रोटीन के बढ़ने से व्यक्ति डिमेंशिया का शिकार भी हो सकता है। वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों का कहना है अनिद्रा अल्जाइमर जैसी बीमारियों को बढ़ाती है। एनल्स ऑफ न्यूरोलॉजी में प्रकाशित शोध में बताया गया है कि 30 से 60 वर्ष की उम्र के आठ लोगों पर प्रयोग किया गया। 36 घंटे तक चले प्रयोग में कुछ को नींद में लाने के लिए दवाओं की मदद ली गई। इसमें पाया गया कि जो लोग रात को सो नहीं पाए, उनमें एमिलॉइड बीटा प्रोटीन का स्नाव 20-25 प्रतिशत अधिक हुआ। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस शोध की जानकारियों का प्रयोग कर अल्जाइमर का बेहतर इलाज संभव हो सकेगा। -प्रेट्रसर्वाइकल कैंसर से पीड़ित महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसमें गर्भाशय में कोशिकाओं की अनियमित वृद्धि होने लगती है। कैंसर के आखिरी चरण में इलाज के लिए रेडिएशन थेरेपी का प्रयोग किया जाता है। इलाज के दौरान स्वस्थ कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचता है। अब नए शोध में पता चला है कि ब्लूबेरी फल के प्रयोग से स्वस्थ कोशिकाएं तो सुरक्षित रहती ही हैं, साथ ही कैंसर वाली कोशिकाएं भी रेडियोथेरेपी के प्रति अधिक प्रतिक्रिया देती हैं। अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ मिसौरी के वैज्ञानिकों ने पाया कि ब्लूबेरी का रस रेडियो सेंसिटाइजर की तरह काम करता है। यह ऐसा रसायन है जो रेडियोथेरेपी के असर को बढ़ाता है। इससे इलाज के सफल होने की संभावना बढ़ जाती है। पैथोलॉजी एंड ऑन्कोलॉजी पत्रिका में छपे शोध के लिए वैज्ञानिकों ने सर्वाइकल कैंसर सेल लाइंस का प्रयोग किया। जिन सेल ग्रुप के इलाज के लिए रेडिएशन थेरेपी के साथ ब्लूबेरी का प्रयोग हुआ था, उनकी कैंसर कोशिकाओं में 70 फीसद की गिरावट आई। शोधकर्ता युजियांग फैंग का कहना है कि ब्लूबेरी में रिजर्वेट्रॉल के साथ ही फ्लेवोनॉयड्स भी पाया जाता है। साथ ही एंटीऑक्सीडेंट के साथ एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। यह फल दुनियाभर में आसानी से उपलब्ध है। इसलिए रेडियोथेरेपी जैसे उपचार का असर बढ़ाने के लिए इसका प्रयोग किया जाना चाहिए। -प्रेट्र1कम सोने से बढ़ता है अल्जाइमर का खतरा: रात को ठीक से नींद ना आना आपकी स्मरण क्षमता को प्रभावित कर सकता है। रात को जगने से मस्तिष्क एमिलॉइड बीटा नामक अल्जाइमर बढ़ाने वाला प्रोटीन पैदा करता है। इस प्रोटीन के बढ़ने से व्यक्ति डिमेंशिया का शिकार भी हो सकता है। वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों का कहना है अनिद्रा अल्जाइमर जैसी बीमारियों को बढ़ाती है। एनल्स ऑफ न्यूरोलॉजी में प्रकाशित शोध में बताया गया है कि 30 से 60 वर्ष की उम्र के आठ लोगों पर प्रयोग किया गया। 36 घंटे तक चले प्रयोग में कुछ को नींद में लाने के लिए दवाओं की मदद ली गई। इसमें पाया गया कि जो लोग रात को सो नहीं पाए, उनमें एमिलॉइड बीटा प्रोटीन का स्नाव 20-25 प्रतिशत अधिक हुआ। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस शोध की जानकारियों का प्रयोग कर अल्जाइमर का बेहतर इलाज संभव हो सकेगा।

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