कमर दर्द से राहत और आत्मविश्वास में वृद्धि का राज़—शलभासन!

📰 शलभासन: तन-मन को शक्ति देने वाला सरल योग मंत्र
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 की उलटी गिनती जारी, आज के आसन के रूप में चुना गया शलभासन
🖊️ Ayush Darpan News Desk | 24 मई 2025
देहरादून – अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 की तैयारी ज़ोरों पर है और इसी कड़ी में Ayush Darpan Foundation ने ’28 दिन शेष’ की थीम के अंतर्गत आज के दिन के लिए शलभासन (Locust Pose) को चुना है। योग के इस अत्यंत प्रभावशाली आसन को आधुनिक जीवनशैली में उत्पन्न होने वाली पीठ, पाचन और तनाव से जुड़ी समस्याओं में विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।
🧘♀️ क्या है शलभासन?
शलभासन का नाम संस्कृत शब्द ‘शलभ’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘टिड्डी’। इस आसन में शरीर की आकृति टिड्डी के समान बनती है—पेट के बल लेटकर दोनों पैरों को ऊपर उठाया जाता है, जिससे पीठ और नितंब की मांसपेशियाँ सक्रिय होती हैं।
✅ शलभासन के लाभ:
- पीठ दर्द में राहत
- पाचन तंत्र की सक्रियता
- रीढ़ की मजबूती
- तनाव और थकान में कमी
- लचीलापन और ऊर्जा में वृद्धि
योग विशेषज्ञों के अनुसार यह आसन विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो डेस्क वर्क करते हैं और लंबे समय तक बैठे रहते हैं।
🧾 शलभासन कैसे करें:
- पेट के बल मैट पर लेट जाएं, हथेलियाँ जांघों के नीचे रखें।
- गहरी सांस लें और पैरों को ऊपर उठाएं।
- ठोड़ी को ज़मीन से टिकाएं और शरीर को स्थिर रखें।
- 10-15 सेकंड तक स्थिति बनाए रखें और धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट आएं।
- यह प्रक्रिया 3-4 बार दोहराएँ।
🎙️ विशेषज्ञों की राय: (डॉ नवीन जोशी ) कहते हैं,
“शलभासन एक underrated लेकिन अत्यंत शक्तिशाली योग आसन है। यह शरीर की जड़ यानी रीढ़ को मजबूत बनाता है और पूरे शरीर को संतुलित करता है।”
📆 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस:
हर दिन एक नया आसन, हर दिन एक नई ऊर्जा!
Ayush Darpan Foundation द्वारा चलाई जा रही “Yoga for One Earth, One Health” मुहिम के तहत आने वाले 28 दिनों तक प्रतिदिन एक विशेष आसन की जानकारी दी जाएगी।
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