क्या है प्रोटीन पाउडर औऱ शेक के बढ़ते उपयोग का सच
1 min readप्रोटीन को हम शरीर के आवश्यक तत्व के रूप में जानते हैं कोशिकाओं से लेकर डीएनए तक के निर्माण में प्रोटीन की भूमिका सर्वविदित है।आइए जानते हैं कि कितनी मात्रा में प्रोटीन हमारे शरीर के लिये आवश्यक है ? क्या कहते हैं वैज्ञानिक और नई शोध.हमने अक्सर आज की युवा पीढ़ी को जिम में पसीना बहाते हुए और प्रोटीन पाउडर का सेवन करते हुए देखा होगा ,अक्सर युवा पीढ़ी में यह भ्रांति है की मांसपेशियों को सुडौल और मजबूत करने के लिए शरीर को अतिरिक्त प्रोटीन की आवश्यकता होती है जिसे वह प्रोटीन पाउडर के रूप में अक्सर लिया करते हैं हां सत्य है कि प्रोटीन हमारे शरीर में निर्माण के क्रियाओं को बढ़ाने में विशेष योगदान देते हैं शरीर में अतिरिक्त प्रोटीन की ली जानेवाली मात्रा की आवश्यकता इस बात पर निर्भर करती है कि शरीर मे चर्बी की मात्रा कितनी है !यदि आप वाकई अधिक वजनी हैं तो आपके लिये उपवास प्रोटीन की अपेक्षा चर्बी को जलाने के लिये एक बेहतरीन उपक्रम है इसके उलट यदि आप दुबले पतले हैं तो उपवास आपके लिये उतना लाभकारी नही होगा क्योंकि यह चर्बी के स्थान पर आपकी प्रोटीन को जलायेगा।उपवास जिसे फास्टिंग भी कहते हैं के शरीर पर लाभकारी प्रभाव तमाम शोध स्वयं सिद्ध कर रहे हैं।इन्ही कारणों से सनातन धर्म एवं संस्कृति में इसे आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत बताया गया ।आधुनिक शोध भी इस बात को सिध्द कर रहे हैं कि उपवास के माध्यम से हम शरीर मे खराब कोशिकाओं सहित केंसर कोशिकाओं की औटोफेगी को बढ़ा देते हैं यानि उपवास के द्वारा हम अपने कोशिकाओं को रिफ्रेश कर देते है जिससे उनका एक तरह से सेल्फ रिन्यूवल हो जाता है। अतः हमें अपने भोजन को लेने में एक स्मार्टनेस की जरूरत होती है जो शरीर मे सधे हुए रूप से सभी प्रकार के पोषक तत्वों की मात्रा की पूर्ति करे।प्रोटीन की रिकमेंडेड़ मात्रा 60 ग्राम प्रतिदिन के आसपास होती है लेकिन आपने अक्सर एक हेवी एक्सरसाइज़ के बाद लोगों को प्रोटीन शेक पीते हुए देखा होगा।प्रोटीन के इस प्रकार के आ रहे प्रोडक्ट्स एक प्रकार से प्रोटीन के व्यवासायिक और बाजारवाद के निष्कर्ष के तौर पर ही देखे जाने चाहिए।
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