आयुष दर्पण

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कार्यालयीन तनाव प्रबंधन और उत्पादकता वृद्धि हेतु देहरादून में योग ब्रेक प्रोटोकॉल का अभ्यास

आयुष मंत्रालय की पहल पर स्वास्थ्य सेवाओं के अधिकारियों व कर्मचारियों ने लिया भाग
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भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा कार्यस्थल पर तनाव कम करने और कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से तैयार किए गए “योग ब्रेक प्रोटोकॉल”का अभ्यास आज देहरादून स्थित महानिदेशालय स्वास्थ्य सेवाएं कार्यालय में कराया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन जिला आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी कार्यालय, देहरादून  द्वारा किया गया।इस अवसर पर निदेशालय के समस्त अधिकारी व कर्मचारीगण उत्साहपूर्वक शामिल हुए। कार्यक्रम में महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. तारा आर्या  ने कहा कि “वर्तमान समय में कार्यालयीन तनाव एक सामान्य चुनौती बन चुका है। ऐसे में योग ब्रेक प्रोटोकॉल जैसे संक्षिप्त एवं प्रभावी अभ्यास न केवल मानसिक सुकून प्रदान करते हैं, बल्कि कर्मचारियों की एकाग्रता व कार्य दक्षता को भी बढ़ाते हैं।” उन्होंने सभी चिकित्सकों और कार्मिकों को इस अभ्यास को नियमित रूप से अपनाने की सलाह दी।स्वास्थ्य निदेशक डॉ सी पी त्रिपाठी ने योग के वैज्ञानिक पहलूओं पर प्रकाश ड़ालते हुए इसका वैज्ञानिक परिपेक्ष बताया,कार्यक्रम में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. नवीन जोशी द्वारा “माइंडफुल वेलनेस” की तकनीकों का अभ्यास कराया गया, जिससे कर्मचारियों को मानसिक सजगता, ध्यान और आत्म-नियंत्रण की कला को समझने का अवसर मिला। योग सहायक श्री सुमित एवं डॉ. सुगम तिवारी ने पूरे कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग प्रदान किया।

इससे पूर्व, निदेशालय आयुर्वेद यूनानी सेवाएं में भी योग ब्रेक प्रोटोकॉल का अभ्यास सफलता के साथ सम्पन्न हुआ, जिसमें संयुक्त निदेशक डॉ. के. एस. नपलच्याल, डॉ. आर. पी. सिंह, और सभी प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।कार्यक्रम की शुरुआत जिला आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी कार्यालय, देहरादून में हुई, जहाँ पर डॉ. जी. एस. जंगपांगी (जिला आयुर्वेद अधिकारी), डॉ. सविता कोठियाल,डॉ. अमित यादव,डॉ. हरिमोहन त्रिपाठी सहित समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने योग ब्रेक प्रोटोकॉल का अभ्यास किया।यह कार्यक्रम न केवल कार्यालयीन स्वास्थ्य सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह मानसिक एवं शारीरिक संतुलन के माध्यम से कर्मचारियों को और अधिक उत्पादक व संतुलित बनाए जाने की ओर एक व्यावहारिक प्रयास भी है।योग ब्रेक प्रोटोकॉल को दिनचर्या में शामिल कर कार्यालयों में सकारात्मक ऊर्जा और संतुलन लाने की दिशा में यह पहल राज्य भर में एक आदर्श स्वास्थ्य कि दिशा और तनावमुक्त कार्यशैली के लिये आवश्यक होगी

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