आयुष दर्पण

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से टाइप टू डायबिटीज का पता लगाया जा सकेगा हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार व्यक्ति की आवाज की पिच के आधार पर टाइप टू डायबिटीज का पता लगाना आसान हो जाएगा, यह उन लोगों के लिए बड़ी राहत बड़ी खबर है जिन्हें बार-बार शुगर टेस्ट कराने के लिए पैथोलॉजी लैब में या फिर शुगर टेस्ट करने की जरूरत पड़ती थी ।यह शोध 89% महिलाओं में एवं 86% पुरुषों में कारगर पाया गया है ।आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आश्चर्यजनक सटीकता के साथ टाइप 2 मधुमेह का पता लगाने के लिए भाषण पैटर्न का विश्लेषण कर सकता है। यह विधि एक उपयोगी निदान उपकरण साबित हो सकती है। लेकिन यह एक चेतावनी लेबल के साथ आता है। उन्नत ध्वनि विश्लेषण का उपयोग करने वाले चिकित्सा निदान उपकरण तेजी से सटीक होते जा रहे हैं। भाषण पैटर्न का विश्लेषण विशेष रूप से पार्किंसंस या अल्जाइमर जैसी बीमारियों के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकता है।
ध्वनि विश्लेषण का उपयोग करके मानसिक बीमारी, अवसाद, अभिघातजन्य तनाव विकार और हृदय रोग का भी पता लगाया जा सकता है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) संकुचित रक्त वाहिकाओं या थकावट के लक्षणों का भी पता लगा सकती है। इससे चिकित्सा पेशेवरों को मरीजों का जल्द इलाज करने और किसी भी संभावित जोखिम को कम करने की अनुमति मिलती है। मेयो क्लिनिक प्रोसीडिंग्स: डिजिटल हेल्थ मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, आश्चर्यजनक सटीकता के साथ यह निर्धारित करने के लिए कि किसी व्यक्ति को टाइप 2 मधुमेह है या नहीं, एक छोटी आवाज रिकॉर्डिंग ही काफी है।
अधिक जानकारी के लिए आयुष दर्पण के यूट्यूब चैनल पर उक्त शॉट वीडियो के लिंक पर क्लिक करें।

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