आयुष दर्पण

स्वास्थ्य पत्रिका ayushdarpan.com

ब्लड प्रेशर बढ़ना भी हो सकता है फायदेमंद जानें कैसे?

1 min read
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

उच्च रक्तचाप जिसे अंग्रेजी में हायपरटेंशन और सामान्य बोलचाल की भाषा मे ब्लड प्रेशर बढ़ना बोला जाता है कई बीमारियों जैसे मधुमेह,कारडीयोवेस्कुलर समस्याएं एवं अन्य मेटाबोलिक समस्याओं के लिये एक रिस्क फेक्टर की तरह कार्य करता है।उच्च रक्तचाप हमेशा लोगो के जीवन मे स्वास्थ्य के लिये जागरूक रखने का एक विषय होता है ।नई शोध के अनुसार उच्च रक्तचाप का शरीर पर एक सुरक्षात्मक असर होता है ,है न कमाल की बात।केवल अमरीका में ही यदि आंकड़ो पर गौर करें तो सिर्फ अमेरिका में ही 75 मिलियन लोग उच्च रक्तचाप की समस्या से पीड़ित हैं।भारत मे भी प्रति 5 व्यक्तियों में से 1 व्यक्ति उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं । आज भी उच्च रक्तचाप के सामान्य रेंज के विषय मे विशेषज्ञों के बीच मतभेद है ।अमेरिका स्थित नेशनल हार्ट लंग ब्लड इंस्टिट्यूट के अनुसार एक वयस्क में 140 मिलीमीटर मरकरी प्रेशर या इससे अधिक सिस्टोलिक दाब हायपरटेंशन की कैटेगरी ने आएगा ,जबकि अमेरिकी हार्ट एसोशिएशन के अनुसार किसी वयस्क में सिस्टोलिक 130 मिलीमीटर मरकरी प्रेशर या अधिक उच्च रक्तचाप की स्थिति होगी।वहीं सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एन्ड प्रीवेंशन के मुताबिक 120 से 139 मिलीमीटर मरकरी दाब के सिस्टोलिक प्रेशर वाले लोग उच्च रक्तचाप के रिस्क ग्रुप में होंगे।इसलिये चिकित्सक 40 वर्ष से ऊपर की आयु वर्ग में लोगों को अपने रक्तचाप को नियमित रूप से मापते रहने की सलाह देते हैं क्योंकि इसके एक निश्चित स्तर से ऊपर बढ़ जाने पर व्यक्ति हार्ट डिजीज एवं स्ट्रोक जैसे खतरों से दो चार हो सकता है ।जर्मनी में हुए एक शोध के अनुसार उच्च रक्तचाप से पीड़ित बुजुर्गो में कई स्वास्थ्य समस्याओं के होने की संभावना कम हो जाती है।यह शोध यहां तक बताता है कि 80 वर्ष की उम्र में उच्च रक्तचाप कई प्रकार से लाभदायक होता है यह एकदम उलट थ्योरी है कि *उच्च रक्तचाप और फायदेमंद*
यूरोपीयन हार्ट जर्नल में प्रकाशित आंकड़ों पर गौर करें जो वर्ष 2009 में 1628 महिलाओं एवं पुरुषों जिनकी औसत आयु 81 साल थी के लिये गए।ये सभी किसी न किसी प्रकार से उच्चरक्तचाप की औषधियों का सेवन करते आ रहे थे । जर्मनी के बर्लिन में चार्ली रिसर्च प्रोजेक्ट के तहत 2 वर्षो तक लगातार इन सभी के हेल्थ स्टेटस को जांचा गया। इस अध्ययन में यह भी देखा गया कि उच्च रक्तचाप किस प्रकार व्यक्ति की मोर्टेलिटी रिस्क को प्रभावित करता है ।इस अध्ययन में व्यक्ति के लिंग,जीवनशैली की पसंद नापसन्द ,बॉडी मास इंडेक्स तथा रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिये ली जा रही औषधियों को भी देखा गया ।इस अध्ययन में यह मजेदार बात सामने आई कि 80 वर्ष से ऊपर की आयु के उच्च रक्तचाप से पीड़ित जिनका सिस्टोलिक /डायस्टोलिक 140/90 मिलीमीटर मरकरी प्रेशर या अधिक था में मृत्यु की संभावना का प्रतिशत 40 था जबकि 140/90 मिलीमीटर मरकरी प्रेशर से कम रक्तचाप से पीड़ित रोगियों में मृत्यु की संभावना का प्रतिशत अपेक्षाकृत अधिक यानि 61% था।इस अध्ययन से यह बात स्पष्ट है कि 80 वर्ष से ऊपर के आयु वर्ग में उच्च रक्तचाप की औषधियों को देने से पूर्व गहन विचार करने की आवश्यकता है क्योंकि इस आयु वर्ग में रक्तचाप को कम करना व्यक्ति के मृत्यु की सभावना को बढ़ा देता है।अतः उच्चरक्तचाप से पीड़ित अलग अलग आयु वर्ग में औषधियों के प्रयोग सेअलग अलग प्रभावों को ध्यान में रखते हुए हमे ब्लड प्रेशर को सामान्य व्यक्ति के लिये आवश्यक और सामान्य रखना जरूरी मानकर ही चलना चाहिये क्योंकि इसी दाब के कारण रक्त रक्त नलिकाओं में आगे प्रवाहित होता है अतः उच्च रक्तचाप के भी अच्छे मायने हैं ।

Facebooktwitterrssyoutube
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © 2019 AyushDarpan.Com | All rights reserved.