तीन पत्तियों वाली घास में हैं गजब के गुण!

पिछले लेखों में हमने आपको आस पास पाए जाने वाले बेकार समझी जाने वाली घास जैसी वनस्पतियों के औषधीय गुण को बताया आज इसी क्रम में हम आपको एक अद्भुत सी औषधि के गुणों बारे में बताने जा रहे हैं जिसे आप अपने आसपास ही लगी हुई देख पाएंगे यह घास हिंदी में तीन पतिया और अंग्रेजी में सावर वीड के नाम से भी जानी जाती है।छोटी चांगेरी ऑग्जेलिस कारनिकुलाटा के लेटिन नाम से जबकि बड़ी चांगेरी ऑग्जेलिस एसीटोसेला के नाम से प्रचलित है। यह कुमाऊं ,गढ़वाल आदि हिमालयी क्षेत्रों में 2000 मीटर की ऊंचाई तक एवं सम्पूर्ण भारतवर्ष में पाई जाती है।इस वनस्पति का वर्णन आयुर्वेद के निघंटु नाम से जाने जानेवाले ग्रथों में मिलता है। छोटी चांगेरी के पत्ते देखने मे भले ही छोटे हों लेकिन औषधीय दृष्टिकोण से ये बड़े गुणकारी हैं। इसके पत्तों का खट्टापन,कड़वापन और कषैलापन ही इसे औरों से अधिक गुणवान बनाता है।चांगेरी दर्दनिवारक, पाचक, भूख बढ़ाने वाली, लीवर को सेहतमंद बनाने वाली, डाइयूरेटिक गुणों से युक्त बुखार कम करने में सहायक, जीवाणुरोधी,एंटीसेप्टिक तथा शीतल होती है।
आजकल की रफ्तार वाली जिंदगी में असंतुलित खान-पान रोजर्मरा की समस्या बन गई है। इस जीवनशैली का सबसे पहला असर पेट पर पड़ता है।
-चांगेरी का घरेलू उपयोग पेट संबंधी समस्याओं के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। 20-40 मिली चांगेरी के पत्ते के काढ़े में 60 मिग्रा भुनी हुई हींग मिलाकर सुबह शाम पिलाने से पेट दर्द से जल्दी आराम मिलता है।
-यदि आंव की शिकायत बार-बार हो रही है तो चांगेरी का औषधीय गुण इससे राहत दिलाने में मदद करता है।
-अगर ज्यादा मसालेदार खाना, पैकेज़्ड फूड या बाहर का खाना खा लेने के कारण दस्त है कि रूकने का नाम ही नहीं ले रहा तो 2-5 मिली चांगेरी रस को दिन में दो बार पीने से दस्त रुक जाता है।
-कमजोर पाचन शक्ति में चांगेरी पत्ते में समान मात्रा में पुदीना-पत्ता मिलाकर पीसकर थोड़ा काली मिर्च व नमक मिलाकर खाने से खाना जल्दी हजम होता है।
-अगर किसी चोट या घाव के कारण ब्लीडिंग हो रही है या मासिक धर्म के कारण अत्यधिक ब्लीडिंग हो रही है तो चांगेरी का प्रयोग फायदेमंद साबित हो सकता है। 5-10 मिली पञ्चाङ्ग-रस को दिन में दो बार सेवन करने से रक्तस्राव कम होता है।
-अगर शरीर के किसी अंग में सूजन के कारण दर्द और जलन अनुभव हो रहा है तो चांगेरी के 10-15 पत्तों को पानी के साथ पीसकर पोटली की तरह बनाकर सूजन पर बांधने से सूजन के कारण उत्पन्न जलन से राहत मिलती है।
-चांगेरी के पत्तों के रस का गरारा करने से मसूड़ों की सूजन, वेदना तथा रक्तस्राव (ब्लीडिंग) आदि रोगों से आराम दिलाने में मदद करता है।
-अगर किसी बीमारी के साइड इफेक्ट के वजह से या किसी बीमारी के कारण मुँह की बदबू की परेशानी से ग्रस्त हैं तो चांगेरी के 2-3 पत्तों को चबाने से मुँह की दुर्गंध या बदबू दूर होती है। इसके लिये चांगेरी के पत्तों को सुखाकर, चूर्ण कर, मंजन करने से दांत संबंधी बीमारियों से राहत मिलती है।
-अगर आपको काम के तनाव और भागदौड़ भरी जिंदगी के वजह से सिरदर्द की शिकायत रहती है तो चांगेरी का घरेलू उपाय बहुत लाभकारी सिद्ध होगा। चांगेरी के रस में समभाग प्याज का रस मिलाकर सिर पर लेप करने से शरीर में पित्त के बढ़ जाने के कारण सिरदर्द होने पर आराम मिलता है।