फलत्रिकादि क्वाथ – मधुमेह के लिए आयुर्वेदिक अमृत

फलत्रिकादि क्वाथ – मधुमेह के लिए आयुर्वेदिक अमृत
🕉️ चरक संहिता – चिकित्सा स्थान, अध्याय 6 पर आधारित
🔍 परिचय
आयुर्वेद में मधुमेह को “प्रमेह” के नाम से जाना जाता है — यह एक जटिल रोग है, जो शरीर में त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) के असंतुलन से उत्पन्न होता है। जबकि आधुनिक चिकित्सा इसे केवल रक्त शर्करा की अधिकता के रूप में देखती है, आयुर्वेद इसके मूल में मंदाग्नि, मेद धातु की वृद्धि और दोषों की संचिति को मानता है।
चरक संहिता के चिकित्सा स्थान अध्याय 6 में मधुमेह हेतु कई उपयोगी औषधियों का वर्णन है। इन्हीं में से एक है – फलत्रिकादि क्वाथ, जो आज हम “आज की औषधि” के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं।
🌿 फलत्रिकादि क्वाथ – रचना एवं विशेषताएँ
यह औषध योग चार प्रभावशाली द्रव्यों से तैयार किया जाता है:
घटक औषधि | गुणधर्म / कार्य |
---|---|
त्रिफला (हरड़, बहेड़ा, आंवला) | रक्तशोधक, पाचन सुधारक, रेचक |
दारुहरिद्रा (Berberis aristata) | यकृत व अग्नि सुधारक, कफ-पित्त शामक |
इन्द्रायण मूल (Citrullus colocynthis) | तीव्र विरेचक, दोषशोधक |
नागरमोथा (Cyperus rotundus) | दीपक, पाचन युक्तिकारी, त्रिदोष शामक |
⚕️ मुख्य लाभ
✅ कफज व स्थूल मधुमेह में अत्यंत प्रभावशाली
✅ मेद धातु को नियंत्रित करता है
✅ पाचन अग्नि को प्रज्वलित कर मंदाग्नि को दूर करता है
✅ विरेचन व शुद्धिकरण द्वारा दोषों को निकालता है
✅ मूत्र में मिठास, अधिक मात्रा और गाढ़ेपन जैसी समस्याओं में राहत
📖 आयुर्वेदिक संदर्भ
“फलदारुहरिद्रायाः क्वाथ इन्द्रायणस्य च। नागरमूठया: क्वाथो मधुमेहे प्रशस्यते।”
— चरक संहिता, चिकित्सास्थान 6
यह श्लोक स्पष्ट करता है कि यह योग मधुमेह के लिए प्रशंसनीय और प्रमाणित औषधि है।
🧪 सेवन विधि
- सभी औषधियों को समान मात्रा में लेकर कूट-चूर्ण करें
- 5 ग्राम चूर्ण को 200 मिली जल में उबालें
- जब जल 1/4 (50 मि.ली.) रह जाए, तो छानकर गुनगुना सेवन करें
📅 मात्रा:
प्रातः खाली पेट – 30 से 50 मि.ली.
या वैद्य निर्देश अनुसार
⚠️ सावधानियाँ
- इन्द्रायण मूल तीव्र प्रभाव वाली औषधि है, अतः योग्य वैद्य की देखरेख में ही इसका सेवन करें
- गर्भवती महिलाएँ, अत्यंत दुर्बल या वृद्ध व्यक्ति इसे चिकित्सकीय परामर्श से ही लें
- दीर्घकालीन सेवन से पूर्व विशेषज्ञ सलाह अनिवार्य है
🪔 निष्कर्ष
फलत्रिकादि क्वाथ केवल मधुमेह के लक्षणों को नहीं, बल्कि उसके मूल कारणों का उपचार करता है। यह आयुर्वेद की समग्र चिकित्सा प्रणाली का उत्कृष्ट उदाहरण है, जो शरीर को भीतर से संतुलित कर रोग निवारण करता है।
🌱 प्राकृतिक चिकित्सा की ओर एक सकारात्मक कदम — आयुर्वेद के संग स्वस्थ जीवन।
📌 अस्वीकरण
यह जानकारी केवल शैक्षिक और जागरूकता हेतु है। औषधियों का सेवन केवल प्रमाणित आयुर्वेदाचार्य की देखरेख में करें।