अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद कोलकाता ने मनाई बालेश्वर अग्रवाल की जन्मशताब्दी।

देश में आयुर्वेद से त्वरित इलाज संभव है, जो भारत की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति रही है । उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, देहरादून के प्रोफेसर व एमडी डॉ. नवीन चंद्र जोशी ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद की ओर से हिंदुस्तान क्लब में प्रख्यात दिवंगत पत्रकार बालेश्वर अग्रवाल के शताब्दी जन्म दिवस समारोह के उपलक्ष्य पर आयोजित एक विचार गोष्ठी के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से आयुष को काफी हद तक बढ़ावा दिया जा रहा है इसके लिए आयुष मंत्रालय बना है। केंद्र सरकार ने योग के बाद विदेश में आयुर्वेद को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा ■
है। विदेश में रहने वाले लोगों को आयुष विजा देने की शुरुआत की गई है। बंगाल सरकार से आयुर्वेद को बढ़ावा देने की अपील की गई। उत्तर भारत के महाराष्ट्र, गुजरात, केरल में जागरूकता के कारण आयुर्वेद के प्रति लोगों का रुझान दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। मुख्य अतिथि जोड़ासांको के विधायक विवेक गुप्त ने सफल कार्यक्रम आयोजन करने के लिये इसके आयोजकों को बधाई दी। उन्होंने हिंदी भाषा के विकास के लिये किये जा रहे कार्यों में संस्था से सहयोग करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि हमें यह प्रयास करना है कि नयी पीढ़ी हिंदी बोलने व पढ़ने में संकोच न करे। हिंदी भाषा के विकास के लिए राज्य सरकार सराहनीय कार्य कर रही
है। कार्यक्रम आयोजक सचिव कुंज बिहारी सिंघानिया ने कहा कि हिंदी अखबार के लिये प्रमुख रूप से कार्य करने वाले पत्रकार बालेश्वर अग्रवाल की जन्म शताब्दी आज मनायी जा रही है उन्हीं के सहयोग से ही प्रवासी मंत्रालय बना था। अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद गत 40 वर्ष से इस दिशा में काम कर रही है। इस मौके पर सम्मानीय अतिथि नेपाल के डिप्टी कंसुल जनरल कर्ण तिसिलसिना, रिपब्लिक ऑफ बेलारूस के सीताराम शर्मा, महाराष्ट्र के अग्निकर्म एंड रक्तमोक्षण के जानकार डॉ. रमेश राजगुरू, कोऑर्डिनेटर निर्मल टेरीवाल, कैलाश अग्रवाल, दिव्यानंद व अन्य गण्यमान्य लोग मौजूद थे।