आयुष दर्पण

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आयुष मंत्रालय द्वारा कोरोना वायरस से बचाव के लिये जारी की गई एडवाइजरी

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एलोपैथिक चिकित्सकों के संघटन आईएमए ने उड़ाई खिल्ली पर आयुष मंत्रालय संशोधित एडवायजरी के साथ अपनी मूल बातों पर बरकरार।
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नई दिल्ली ।28 जनवरी को आयुष मंत्रालय की साइंटिफिक एडवाइजरी कमिटी की बैठक में सीसीआरएच के साथ मिलकर मंत्रालय ने हाल ही दुनिया मे फैले कोरोना वायरस से बचाव के आयुर्वेदिक एवं होमियोपैथीक पद्धतियों के उपायं पर एक एडवायजरी जारी की।चीन के वुहान प्रांत से फ़ैला यह कोरोना वायरस अब तक 132 जिंदगियां लील चुका है।अकेले चीन में ही 6200 लोग इससे संक्रमित पाये गये हैं।अभी तक भारत में इससे संक्रमण के कोई पुख्ता सबूत नही मिले हैं ।इस संबंध दुनिया भर के देशों की एजेंसियों ने अपने देश के नागरिकों के लिये एडवायजरी जारी की है।दुनिया भर के एयरपोर्ट में स्क्रीनिंग की जा रही है खासकर चीन से आनेवाले यात्रियों पर विशेष नजर रखी जा रही है। इन सब बातों को देखते हुए भारत सरकार के अधीन आनेवाले आयुष मंत्रालय नर भी अपने देश के नागरिकों के लिये एक बचाव हेतु सलाह जारी की है जो निम्नानुसार है:-
1.अपनी निजी स्वच्छता का ख्याल रखें
2.कम से कम 20 सेकेंड तक अपने हाथों को अच्छी प्रकार से धोएं।
3.आयुर्वेद में वर्णित मुस्त, पर्पट,चन्दन ,उदीच्य एवं नागर से निर्मित षडंगपानीय के 10 ग्राम पाउंडर को 1 लीटर पानी मे पका कर आधे शेष रहने तक बोतल ने भर रख ले और इस पानी को पीएं।
4.गन्दे हाथों से आंखों,नाक एवं मुहँ को न छुएं
5.संक्रमित लोगों से बच कर रहें ।
6.संक्रमित वस्तुओं और सतहों को न छुएं
7.किसी भी सार्वजनिक स्थल पर घूमते समय N95 मास्क अवश्य पहनें।
8.यदि संक्रमण की आशंका हो तो नजदीकी अस्पताल में संपर्क करें।

इसके अलावा कुछ आयुर्वेदिक इम्युनोबुस्टर योग को लेने की भी सलाह दी गई है।
आयुष मंत्रालय द्वारा जारी यह एडवायजरी को सोशल मीडिया पर बतौर सर्क्युलेट किया गया है जिस पर विवाद हो गया है ।इंडियन मेडिकल एसोसिएशन इसे क्वेकरी कह मज़ाक उड़ा रहा है।
बाद में आयुष मंत्रालय ने इस एडवाइजरी में थोड़ा बदलाव किया है लेकिन मूल रूप से एडवायजरी अभी भी बरकरार है।
एलोपैथिक डाक्टरों के संगठन आईएमए के प्रेसिडेंट डॉ राजन शर्मा ने आयुष मंत्रालय द्वारा कोरोना वायरस पर जारी की गई इस एडवायजरी को क्वेकरी (झोलाछाप) कहा है। आयुष चिकित्सको ने इसे गुलाम मानसिकता का परिचायक माना है तथा इसे महज वायरस से संक्रमण के उपायं के रूप में मंत्रालय द्वारा जारी की गई सलाह के रूप में लेने को कहा गया है और ऐलोपैथिक चिकित्सको के संगठन द्वारा दी गई इस प्रतिक्रिया को दुर्भावना से पीड़ित माना है।

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