आयुष दर्पण

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कोलकाता में सफलता पूर्वक आयोजित हुआ मर्म चिकित्सा वर्कशाप एवं शिविर

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लायनेस क्लब हावडा द्वारा साल्ट लेक सिटी में दो दिवसीय आयुर्वेद मर्म चिकित्सा शिविर का शुभारंभ लायन्स क्लब संस्था के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर परसराम पुरिया ने किया ।कार्यक्रम में देहरादून से आये मर्म चिकित्सा के मास्टर ट्रेनर डॉ नवीन जोशी ने प्रतिभागियों को मर्म चिकित्सा के बारे ने बताया, डॉ नवीन जोशी ने अपने लेक्चर में कहा आयुर्वेद जिसका उदगम ही सृष्टि के प्रारंभ से माना जाता है एवं कहा जाता है कि सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी द्वारा ही स्वतः यह ज्ञान इस लोक में प्रचलित हुआ ।उन्होंने आगे कहा कि जब से यह सृष्टि बनी तब से ही मानव सहित अन्य जीवित प्राणियो में कष्ट के कारक रोगों की उत्पत्ति भी हुई लेकिन कमाल की बात देखिये जिस सृष्टि के रचियता ने इस रचना को बनाया उसी रचनाकार ने खुद की बनाई जीवित रचनाओं में उत्पन्न कष्ट के निवारण के उपाय भी बताए।डॉ नवीन जोशी ने प्रतिभागियों से कहा कि आयुर्वेद में सबसे बड़े आयुर्वेदज्ञ भगवान शिव माने गये हैं कहा गया है कि दक्ष अपमान से कुपित शिव ने रुद्र रूप में बुखार यानि ज्वर जैसे रोगों की उत्पत्ति की ।ठीक उसी प्रकार आदि योगी निरंजन निराकार शिव ने ही वेदना शमन सहित शरीर मे विभिन्न स्थानों को प्राण का निवास बतलाया,यह प्राणजीवित शरीर मे निरन्तर गमन् करता रहता है और इसके शरीर से निकल जाने पर शरीर को मृत मान लिया जाता है।इन्ही भगवान शिव ने हमारे शरीर मे 107 मर्म विंदु बताये,जिनको अत्यंत महत्वपूर्ण बताया तथा इन्हें चोट या आघात से बचाने को कहा ।डॉ नवीन जोशी के अनुसार इन्ही 107 मर्म विन्दुओं को शरीर मे स्थित स्विच की तरह समझा जा सकता है जिसे सही तरीके से दबाकर हमें शरीर के हिस्सों ने आये रोग रूपी कष्टो के निवारण में मदद मिलती है।उनके अनुसार वर्तमान समय जीवनशैली में आई समस्याओ के कारण हर व्यक्ति को नये नये रोगों से ग्रसित कर रहा है जिनमे कमर दर्द,जोड़ों का दर्द, सर्वाइकल स्पोंडिलीसिस जैसी नई नई समस्याएं सामने आ रही है, लेकिन आयुर्वेद में मर्म चिकित्सा जैसे विकल्प मौजूद हैं जो आयुर्वेद के धीमी गति से काम करने के मिथक को तोड़ देते हैं ।उन्होंने कहा कि जहां दर्द को दूर करने के लिये तत्काल आधुनिक चिकित्सा विज्ञान दर्द निवारक दवाओं को प्रधान रूप से उपचार का साधन मानता है वहीं आयुर्वेद में बिना दवा के मर्म विन्दुओं के उत्प्रेरण से इससे राहत पाई जा सकती है। इस अवसर पर कार्यक्रम के कोर्डिनेटर डॉ ए.के. जैन एवं क्लब की प्रेजिडेंट सुमन वागला ने सभी प्रतिभागियों को इस विद्या के बारे में जानने और समझने के लिए प्रेरित करने पर डॉ जोशी को धन्यवाद ज्ञापित किया।दूसरे दिन का कार्यक्रम साल्ट लेक सिटी के सीए 49 में आयोजित किया गया जहां 100 से अधिक रोगियों ने इस विद्या का लाभ लिया।इस कार्यक्रम ने उद्योग वर्ग,प्रशासनिक सेवा के अफसर सहित चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ ने मर्म चिकित्सा की बारिकियों को सीखा।शिविर में कमर दर्द,गठिया वात,फ्रोजेन सोल्डर तथा सेरेब्रल पाल्सी से जूझ रहे बच्चो का उपचार किया गया ।उक्त कार्यक्रम में लायनेस क्लब प्रेरणा,लायनेस क्लब वीआईपी,कोलकाता मारवाड़ी महिला समिति ,साल्ट लेक सांस्कृतिक संसद,आयुष दर्पण फाउंडेशन ट्रस्ट ,निरोगस्ट्रीट एवं इंडियन वैद्य को विशेष रूप सहयोग रहा।

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