दर्द से निजात पाने की प्रायोगिक आयुर्वेदिक विधियों पर देहरादून में आयोजित हुई कार्यशाला

उत्तराखण्ड राज्य की राजधानी देहरादून में दिसबर माह की 22 तारीख को आयुष दर्पण फाउंडेशन द्वारा अत्यंत सफल राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की गई।फाउंडेशन की कोर्डिनेटर मुग्धा जोशी का कहना है कि कि आयुर्वेदिक चिकित्सक प्रायोगिक ज्ञान से पूर्ण हों,इसी विजन को पूरा करने के लिये आयुष दर्पण इस प्रकार के कार्यक्रम देश विदेश में आयोजित करता है।इस कार्यशाला में भारत के सभी प्रान्तों केरल,महाराष्ट्र,उत्तरप्रदेश, दिल्ली से आये 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।कार्यक्रम में भाग लेने आये नेपाल के प्रतिभागियों लियान पॉडेल,जेमिना सापकोटा अर्याल एवं अभिसार अधिकारी का कहना है कि इस प्रकार के प्रायोगिक नॉलेज बेस्ड कार्यक्रम में प्रतिभाग करने का पहला अवसर मिला,बहुत ही अच्छी जानकारियां प्राप्त हुई।वर्कशॉप की प्रतिभागी सीमा सक्सेना ने बताया कि इस प्रकार के नालेज बेस्ड प्रोग्राम और अधिक आयोजित होने चाहिये,जिससे प्रेक्टिशनर्स का प्रेक्टिकल ज्ञान बढ़े,आयुष दर्पण द्वारा आयोजित सभी कार्यक्रमो का स्तर बहुत ऊंचा होता है ।कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तराखण्ड राज्य के औषधि नियंत्रक डॉ वाई एस रावत ने किया ,उन्होंने आयुष दर्पण फाउंडेशन द्वारा किये जा रहे इस प्रकार के प्रयासों की सराहना की।कार्यक्रम ने धन्वन्तरि वंदना तथा दीप प्रज्वलन के उपरांत, मुंबई से आये आयुर्वेदिक पेन मैनेजमेंट के एक्सपर्ट उदय कुलकर्णी ने अपने द्वारा ईजाद किये विद्धग्नि उपकरण से दर्द में फौरी राहत के गुर प्रैक्टिशनर्स को दिये।उन्होंने बताया कि इस विधि को अपना आयुर्वेदिक प्रैक्टिशनर्स अपनी क्लिनिक में रोगियों को दर्द की अवस्था से तुरंत राहत दे सकते हैं।मुंबई से आई स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ मधुरा कुलकर्णी ने स्त्री रोगीयों में उत्तर बस्ति को मॉडल के माध्यम से समझाया।वर्कशाप में उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्विद्यालय की डॉ वर्षा सक्सेना ने एलोपेसिया से पीड़ित एक मरीज के सर पर बाल उगाने में जलौका विधि को लाइव दिखाया।इसी प्रकार डॉ नीलम सजवाण ने 95 साल की महिला में पुराने घाव को बिना एंटीबायोटिक के ठीक करने के अपने अद्भुत अनुभव को शेयर किया।इसी कार्यक्रम में वैद्य सुशांत मिश्र ने नाड़ी देखने की विधियों पर अपने अनुभव शेयर किये।पोस्ट लंच सेशन में श्री नवीन प्रकाश ध्यानी ने एमिल फार्मा के रिसर्च बेस्ड प्रोडक्ट्स के बारे में विस्तार से बताया,इसी सेशन में डॉ नवीन जोशी ने मर्म विज्ञान तथा डॉ राजीव कुरेले ने प्रतिभागियों को दर्द से राहत देने के आयुर्वेदिक फ़ार्मूलेशन्स की जानकारी दी।कार्यक्रम में डॉ बालकृष्ण पंवार,डॉ मयंक भटकोटी,डॉ नन्द किशोर दधीच, डॉ अमित तमददी,डॉ धीरज त्यागी ,डॉ पी के गुप्ता,डॉ दीपक सेमवाल, डॉ जे.एन. नौटियाल ,डॉ दिनेश जोशी,डॉ अजय चमोला,डॉ मयंक पांडे को सम्मानित किया गया।वेलिडेक्टरी सेशन के मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्विद्यालय मुख्य परिसर के निदेशक प्रोफेसर राधा बल्लभ सती ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिये।वर्कशाप में निरोगस्ट्रीट द्वारा आयोजित एक क्विज प्रतियोगिता में प्रियांशी सिसोदिया, मोहित शर्मा एवं सदमनी अंसारी को गिफ्ट हैम्पर दिए गए। कार्यक्रम में सभी का आभार डॉ मयंक भटकोटी आयोजन सचिव ने माना।