बच्चो के टिफिन बॉक्स में किन बातों का रखें ख्याल

अगर हम सोचे कि बच्चे भी बड़ों की तरह उनके सामने जो कुछ भी आता है उसे अपनी सेहत के लिए जरूरी समझ कर खा लें तो फिर तो क्या बात थी! आजकल यह समस्या लगभग हर घर में आम है कि बच्चे अपने स्वास्थ्य के लिए अच्छा खाना खाना ही नहीं चाहते उन्हें हमेशा बाहर के जंक फूड ,कोल्ड ड्रिंक इत्यादि पसंद आते हैं और सबसे बड़ी समस्या उनके।टिफिन को लेकर होती है जो उनके लिए बहुत ज्यादा जरूरी भी है क्योंकि सुबह स्कूल काफी जल्दी हुआ करते हैं जिससे बच्चों का घर से प्रॉपर नाश्ता करके जाना लगभग संभव नहीं होता है।इसलिए उनका टिफिन इस प्रकार का होना चाहिए कि जो उनके दिनभर की जरूरतों को पूरा करे। वैसे भी टिफिन नाश्ते की कमी को पूरा करता है इसलिए नाश्ता दिन की शुरुआत के लिए सबसे जरूरी होता है इसलिए इसपर विशेष ध्यान होना चाहिए।टिफिन में पुष्टिकर ताजी औऱ देखने में आकर्षक लगने वाली रंग बिरंगे फल और सब्जियों को शामिल करना चाहिए। कोशिश करनी चाहिए कि उन्हें पास्ता सैंडविच जैसी चीजों को अंकुरित अनाज या सब्जियों के साथ बनाकर देना चाहिए । हमारे आस पास मिलने वाले कम से कम दो या तीन मौसम के अनुसार अनाज सही अनुपात में लेकर मल्टीग्रेन आटा तैयार कर सकते हैं और उनसे रोटियां,डोसे, चीले,इडली आदि बनाकर टिफिन मेंडाल सकते हैं।
साधारण पानी की जगह बच्चों को नींबू पानी,शिकंजी या कभी कभी ग्लूकोज मिला हुआ पानी भी उनकी बॉटल में दिया जा सकता है।
बच्चो को पसंद आनेवाले कटलेट्स और रोल्स को मिक्स वेजीटेबल्स,पनीर और कॉर्न की मदद से बनाकर दिया जा सकता है।बच्चों को फलों का जूस निकालकर पिलाने की जगह पूरा फल खाने की आदत डालनी चाहिए ताकि उनके शरीर मे फाइबर्स की पूर्ति हो सके और छिलकों में मौजूद विटामिन्स भी मिल सके।जहां तक हो सके मौसमी फल ही खिलाएं।मैदा और मैदे से बनी चीजें के स्थान पर गेहूं के आटे,बेसन,सूजी एवं आजकल मिलने वाले ओट्स को विकल्प के तौर पर इस्तेमाल करें।
उपरोक्त लेख मुग्धा जोशी द्वारा आयुष दर्पण के पाठकों के लिये लिखा गया है,श्रीमती जोशी प्रयोगशाला प्राविधिज्ञ के साथ साथ दूरदर्शन की कार्यक्रम संचालिका भी हैं।